Uttarakhand: आज से शुरू होगा विधानसभा सत्र, UCC समेत ये विधेयक होंगे पेश। पहले दिन हंगामे के आसार..
उत्तराखंड विधानसभा सत्र आज सोमवार से शुरू होगा। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने भी तैयारी पूरी कर ली हैं। प्रदेश सरकार की ओर से सदन पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) समेत अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे। उधर, विपक्ष ने भी सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष यूसीसी, सख्त भू-कानून, मूल निवास, उद्यान घोटाला, वन भूमि से पेड़ कटान और कानून व्यवस्था के अलावा बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर हंगामा कर सकता है।
प्रदेश सरकार की ओर से यूसीसी विधेयक सदन पटल में रखने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा प्रवर समिति की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी गई राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण रिपोर्ट पर भी सदन में रखी जाएगी। इसके अलावा अन्य विधेयक व वार्षिक प्रतिवेदन रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी जाएगी। हालांकि, कार्यमंत्रणा की बैठक में सदन को संचालित करने के लिए एक दिन का एजेंडा तय हुआ है। सत्र के पहले दिन सदन में दिवंगत विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। उधर, विपक्ष ने भी विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का कहना है किविस सत्र बेहतर ढंग से चलेगा। सर्वदलीय बैठक में भी सभी दलों से सदन को व्यवस्थित ढंग से चलाने का आग्रह किया है, जिससे सदन में जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक और विस्तार से चर्चा हो। सभी सदस्यों को बात रखने का मौका मिले। सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा किप्रदेश सरकार यूसीसी को सदन में लाने की बात कर रही है, लेकिन अभी तक विपक्ष को ड्राफ्ट तक उपलब्ध नहीं कराया गया। सदन में यूसीसी के एक-एक बिंदु पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार सत्र की अवधि बढ़ाए।
वहीं यूसीसी को लेकर बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद का कहना है कि संविधान में स्वतंत्रता का अधिकार मिला है। यूसीसी का बसपा विरोध करती है। इससे देश और प्रदेश में मुकदमे बढ़ेंगे। पार्टी की ओर से सदन में यूसीसी का विरोध किया जाएगा।
ये विधेयक हो सकते हैं पेश
1- समान नागरिक संहिता विधेयक।
2- राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण विधेयक।
3- खिलाड़ियों के लिए सरकारी सेवा में चार प्रतिशत आरक्षण विधेयक।
4- पंचायती राज अधिनियम में संशोधन।