उत्तराखंडः इन शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, पढ़ें आखिर क्यों?
उत्तराखंड के अटल उत्कृष्ट स्कूलों के शिक्षकों को शासन की ओर से प्रोत्साहन के रूप में पांच साल के लिए अनिवार्य तबादले से छूट दी गई है, लेकिन खराब नतीजे देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। रिजल्ट खराब रहा तो इन स्कूलों के शिक्षकों के पांच साल से पहले ही दुर्गम में तबादले हो सकते हैं। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक, खराब रिजल्ट वाले अटल उत्कृष्ट स्कूलों की जांच के आदेश दिए गए हैं। पता किया जा रहा है कि किस वजह से रिजल्ट खराब रहा है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षकों की कार्यशैली में कमी रही होगी तो प्रशासनिक आधार पर कभी भी किसी भी शिक्षक का तबादला किया जा सकता है।
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सीबीएसई पैटर्न वाले इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर 23 जुलाई 2021 के शासनादेश में भी कहा गया है कि शिक्षकों, प्रधानाचार्य और कर्मचारियों की पांच साल के लिए इन स्कूलों में तैनाती की गई है। इन शिक्षकों के स्टाफ को अनिवार्य तबादलों से मुक्त रखा गया है, लेकिन इससे पहले भी इनकी तैनाती की तय तिथि समाप्त की जा सकती है। वहीं, इन स्कूलों में तैनाती की अवधि फिर से पांच साल बढ़ाने के लिए शिक्षक का विषय विशेष में परीक्षा परिणाम 90 प्रतिशत या परिषदीय परीक्षा के औसत से अधिक होना चाहिए। इन स्कूलों के प्रधानाचार्य के मामले में भी स्कूल का परीक्षाफल 90 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। परीक्षाफल के साथ ही पीटीए की सहमति से सरकार उनकी तैनाती अवधि को पांच साल बढ़ा सकती है।
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