किसी व्यक्ति के नहीं दोनों हाथ, फिर भी बनेगा Aadhaar Card। जानिए कैसे होगा यह चमत्कार…
आधार कार्ड (Aadhaar Card) आज अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज बन गया है। लगभग हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है। आधार नंबर आज दूसरे कई जरूरी दस्तावेजों जैसे पैन और राशन कार्ड के साथ लिंक होता है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी अब इसके बिना नहीं मिलता। आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवाते वक्त नाम, जन्म तिथि, एड्रेस आदि जानकारियां तो ली ही जाती हैं, साथ ही अंगुलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के निशान भी बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा लिए जाते हैं। देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके दोनों हाथ नहीं हैं या फिर किसी कारणवश उनकी अंगुलियों के निशान मिट चुके हैं। क्या ऐसे लोग जिनके हाथों के बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जा सकते, वो भी आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवा सकते हैं? अगर बनवा सकते हैं तो फिर कैसे?
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हाथ में नहीं थी उंगलियां, फिर भी घर बैठे बना आधार (Aadhaar Card)
दरअसल, यह मुद्दा केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकम में रहने वाली महिला जोसीमोल पी जोस की वजह से चर्चा में आया है। आधार सेवा केंद्र ने जोसीमोल का आधार इसलिए नहीं बनाया क्योंकि उनके हाथ नहीं हैं। इस वजह आधार सेंटर ऑपरेटर उनकी अंगुलियों की छाप नहीं ले पाया। आधार न होने से जोसीमोल सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह गईं। ऐसा होने पर कुछ लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। मंत्री चंद्रशेखर के हस्तक्षेप से ही जोसीमोल का उनके घर जाकर आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनाया गया।
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बिना फिंगर प्रिंट के बन सकता है आधार (Aadhaar Card)
इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक बयान जारी कर बताया कि बिना हाथ वाले भी आधार बनवा सकते हैं। आधार बनाने वाली संस्था यूआईडीएआई ने इसके लिए प्रावधान किया है। परंतु, आधार सेंटर ने जोसीमोल के मामले में इन प्रावधानों की अनदेखी कर आधार बनाने से इंकार कर दिया। चंद्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सेवा केंद्रों को एक सलाह भेजी गई है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर जोस जैसे लोगों या धुंधली उंगलियों के निशान या इसी तरह की विकलांगता वाले अन्य लोगों को आधार (Aadhaar Card) जारी किया जाना चाहिए।
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मान लिया जाएगा बायोमेट्रिक्स एक्सेप्शन (Aadhaar Card)
एक व्यक्ति जो आधार के लिए पात्र है, लेकिन उंगलियों के निशान देने में असमर्थ है, वह केवल आईरिस स्कैन (आंखों की पुतलियों को स्कैन करके) का इस्तेमाल कर आधार बनवा सकता है। इसी तरह, एक पात्र व्यक्ति जिसकी आंखों की पुतलियों को किसी भी कारण से नहीं लिया जा सकता है, वह केवल अपने फिंगरप्रिंट का उपयोग करके आधार के लिए नामांकित हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति का हाथ नहीं है या आंख में दिक्कत है तो उस केस में उसे बायोमेट्रिक्स एक्सेप्शन मान लिया जाता है। बायोमेट्रिक्स एक्सेप्शन के लिए आधार सेवा केंद्र कर्मचारी को सिस्टम में एक्सेप्शन पर क्लिक कर उस व्यक्ति का जिसके शरीर के एक पार्ट में दिक्कत है, उसका फोटो अपलोड करना होता है।