राजनीतिक हलचल! नड्डा-त्रिवेंद्र की मुलाकात के निकाले जा रहे सियासी मायने, इस विवाद से भी जोड़ा जा रहा..

0
stir in the political corridors of uttarakhand. Hillvani News

stir in the political corridors of uttarakhand. Hillvani News

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नई दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने बुधवार दोपहर नड्डा से भेंट की। इस बीच वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश पार्टी कार्यालय में पार्टी नेताओं से भेंट की। सियासी दिग्गजों की मेल मुलाकात और दौड़धूप के सियासी मायने टटोले जा रहे हैं। इन्हें भर्तियों को लेकर गरमाए विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि पंचायत चुनाव की तैयारी के मद्देनजर वित्त मंत्री ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की है। मंगलवार को सियासी हलकों में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिल्ली दौरे पर जाने की चर्चाएं गरमाई। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नड्डा से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया। हालांकि मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की संभावना से इनकार नहीं किया।

यह भी पढ़ेंः CM धामी का बड़ा फैसला! लंबित परीक्षाओं को लेकर कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, 9 सितंबर को होगी बैठक..

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत की नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल मच हुई है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच उत्तराखंड से जुड़े मुद्दों पर बात होने का मामला सामने आया है। रावत की नड्डा से उस समय मुलाकात हुई है, जब उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक, विधानसभा बैकडोर भर्ती, वन दारोगा भर्ती मामला सहित कई परीक्षाओं के मामले गरमाए हुए हैं। रावत पहले भी कई बार दिल्ली में आला नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। भर्ती घपले को लेकर देहरादून में भारी संख्या में युवाओं ने सचिवालय कूच कर अपना विरोध दर्ज कराया है। सूत्रों की बात मानें तो त्रिवेंद्र ने उत्तराखंड के विकास से जुड़ी करीब दर्जनभर योजनाओं के बारे में नड्डा से विस्तार से बात की है। नड्डा से मुलाकात करने के बाद त्रिवेंद्र ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से पार्टी कार्यालय में भी मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से त्रिवेंद्र की करीब एक घंटे तक बातें हुईं हैं। पार्टी के आला नेताओं त्रिवेंद्र की मुलाकात से राजनीतिक माहौल गरमा गया है।

यह भी पढ़ेंः पहाड़ में छोटे उद्योगों को बढ़ाना जरूरी! निवेशक हमारे ब्रांड एम्बेसडर- मुख्यमंत्री धामी

भाजपा हाईकमान की भी भर्ती घोटाले पर नजर
भर्ती घोटाले में किरकिरी होने के बाद भाजपा हाईकमान की भी उत्तराखंड सरकार पर नजर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती दिखाते हुए सभी भर्ती घपले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यूकेएसएसएससी भर्ती घपले में एसटीएफ द्वारा 30 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभा बैकडोर भर्ती पर जांच भी बैठा दी है। विधानसभा की विवादित भर्तियों में जांच टीम को प्रारंभिक चरण में फाइलों में कई अनियमितताएं मिली हैं। जांच टीम मंगलवार शाम देर तक फाइलों को खंगालती रही। जांच टीम के अध्यक्ष डीके कोटिया और सदस्य सुरेंद्र रावत तथा अवनेंद्र नयाल ने पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान हुई नियुक्तियों की फाइलों का परीक्षण किया। सूत्रों ने बताया कि फाइलों में गड़बड़ियां मिली हैं। बीते तीन दिन में टीम 55 से ज्यादा फाइलों का अवलोकन कर चुकी है। नियुक्ति संबंधी फाइलों में तमाम कर्मियों के सर्टिफिकेट तक नहीं मिले।

यह भी पढ़ेंः क्या आप जानते हैं BIS हेलमेट का नियम? जिसकी वजह से कट रहा 1000 रुपए का एक्स्ट्रा चालान..

विधानसभा बैकडोर भर्ती पर भाजपा-कांग्रेस असहज
उत्तराखंड विधानसभा में पिछले सरकारों के कार्यकाल में बैकडोर भर्ती से भाजपा और कांग्रेस पार्टियां असहज महसूस कर रही हैं। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने स्पीकर रहते वर्ष 2016 में 159 कर्मचारियों का भर्ती किया था। हैरान करने वाली बात है कि कुंजवाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर से कई लोगों को नौकरी पर रखा था। बैकडोर भर्ती मामले में भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ठीक पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त के पेच के चलते वेतन का संकट खड़ा हो गया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी। अब ये भर्तियां उनके गले की फांस बन चुकी हैं।

यह भी पढ़ेंः भू-कानूनः अधिक भूमि खरीद पर लगे रोक, उद्योग, पर्यटन, शिक्षण संस्थान के हों मानक। पढ़ें पूरी सिफारिशें..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X