UKSSSC: यहां बनाया था हाकम ने नकल का सेंटर। STF करेंगी सख्ती से पूछताछ, कई सफेदपोश होंगे बेनकाब..

STF will strictly interrogate Hakam Singh. Hillvani News
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने शनिवार को जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को गिरफ्तार किया है। जिला पंचायत सदस्य को पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस मामले में अब तक 17 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हाकम सिंह नकल कराने का पुराना खिलाड़ी बताया जा रहा है। उसने बड़े ही शातिराना ढंग से उत्तराखंड नहीं बल्कि सीमा क्षेत्र के बिजनौर जिले के ग्रामीण इलाके में एक किराये के मकान को नकल का सेंटर बनाया था। बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों को वहां ले जाकर हल किया हुआ पेपर मुहैया कराया गया था। हाकम सिंह ने यह मकान परीक्षा के पांच दिन पहले किराये पर लिया था। परीक्षा दो दिनों तक हुई थी। यहीं पर अभ्यर्थी आते थे और नकल का पर्चा देखकर परीक्षा देने चले जाते थे। ऐसा दो दिनों तक चला। परीक्षा समाप्त हुई तो हाकम सिंह ने इस मकान को एक दिन बाद ही छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि यहां पर 20 से ज्यादा लोगों को नकल कराई गई थी।
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नगीना में एक देहाती इलाके में बनाया था नकल का सेंटर
पेपर लीक मामले में हिरासत में लिए गए जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह के खिलाफ पूर्व में भी मंगलौर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह मुकदमा भी आयोग की ही एक परीक्षा में नकल से संबंधित था। यह परीक्षा कनिष्ठ सहायक की थी। आरोप था कि उसने कई परीक्षार्थियों को नकल कराई है, लेकिन वह बेहद चालाकी से इस मामले में बच निकला। सूत्रों के मुताबिक उसने बिजनौर के नगीना में एक देहाती इलाके में स्थित मकान को नकल के सेंटर के रूप में चुना ताकि यदि पुलिस तक बात पहुंचे तो उसकी लोकेशन परीक्षा वाले सेंटरों से अलग आए। इस परीक्षा का बिजनौर से कोई लेनादेना नहीं था। ऐसे में यदि लोकेशन भी मिलती तो बिजनौर की और वह भी ग्रामीण इलाके की। यह इलाका कुमाऊं और गढ़वाल के बीच में आता है। ऐसे में उसे यह दिखाने में भी आसानी होती कि वह सफर में था, लेकिन इस बार पाला एसटीएफ से पड़ा था तो हाकम सिंह की यह चाल फेल हो गई।
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हिमाचल भागने की फिराक में था आरोपी हाकम
आपको बता दें कि पेपर लीक मामला उछलने के बाद हाकम सिंह थाईलैंड भाग गया था वो बीते 9 अगस्त को देहरादून एयरपोर्ट पहुंच गया था। जहां उसने एसटीएफ को चकमा दे दिया, वहीं वो उसके बाद नैटवाड़ में छिपा हुआ था। जहां से वह हिमाचल भागने की फिराक में था तभी मोरी पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत को पुलिस ने आराकोट हिमाचल बॉर्डर से अरेस्ट कर लिया है। बता दें कि भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का मामला तूल पकड़ने के बाद जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत पर तमाम तरह के आरोप लग रहे थे और इस बीच वह टूरिस्ट वीजा पर इंडिया छोड़ थाईलैंड भाग गया था। दरअसल मोरी क्षेत्र के 80 युवाओं का एक साथ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में पास होना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा था कहीं ना कहीं भर्ती मामले में जिला पंचायत सदस्य का नाम सामने आ रहा था।
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फॉरेस्ट भर्ती घोटाले में जिला पंचायत सदस्य का नाम आया था सामने
अब देखना होगा कि एसटीएफ जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत से क्या-क्या राज उगलवा पाती है इससे पहले भी फॉरेस्ट भर्ती घोटाले में जिला पंचायत सदस्य का नाम सामने आया था, लेकिन उस दौरान किसी बड़े नेता ने मामले में हस्तक्षेप कर आरोपी हाकम सिंह रावत का नाम लिस्ट से गायब कर दिया था। लेकिन अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में किसी भी आरोपी को न बख्शने की पूरी छूट एसटीएफ और उत्तराखंड पुलिस को दी है। फिर भी अब देखना होगा कि भर्ती परीक्षा के संवेदनशील मामले में कौन-कौन सफेदपोश और बड़े नेता सलाखों के पीछे पहुंचते हैं।
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