शिक्षा विभाग ने जारी किए ऑनलाइन क्लासेज के लिए 10 दिशा निर्देश..
देहरादून- शिक्षा विभाग से आज की एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड सीमा जौनसारी ने राज्य के समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत कक्षा 12 तक के सभी शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन रूप से शिक्षण कार्य संचालन के संबंध में 10 नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।
1. प्रधानाचाचार्यों के द्वारा शिक्षकों को ऑन-लाइन कक्षा शिक्षण हेतु विषयवार समय-सारणी प्रदान की जाए। जिससे एक ही समय में एक से अधिक विषयों में शिक्षण किए जाने पर छात्र-छात्राओं का विषय में अध्ययन का ह्रास न हो।
2. शिक्षकों को ऑन-लाइन छात्र-छात्राओं को जोड़ने हेतु अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए। जिसके लिए प्रत्येक कक्षाध्यापक को शिक्षकों अभिभावकों से बातचीत कर उन्हे ऑन-लाइन कक्षा शिक्षण की जानकारी दिए जाने की जिम्मेदारी दी जाए।
3. ऐसे छात्र छात्रा जिनके पास ऑन-लाइन शिक्षण की सुविधा उपलब्ध न हो उनके लिए वैकल्पिक रूप में ऐसी सुविधा प्राप्त करने हेतु सम्भावनाऐं तलाशी जाए।
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4. कक्षा 10 एवं कक्षा 12 में अध्ययनरत् प्रत्येक छात्र छात्रा को मोबाइल टैबलेट हेतु धनराशि निर्गत की गयी है। अतः परिषदीय परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं को इन शैक्षिक उपकरणों का उपयोग ऑन-लाइन कक्षा शिक्षण हेतु जानकारी तद्नुसार प्रधानाचार्यों द्वारा तैयार की गयी समय-सारणी के अनुसार ऑन लाइन कक्षा शिक्षण कराया जाए।
5. प्रधानाचार्य प्रतिदिन शिक्षकों से कक्षा शिक्षण की ऑन-लॉइन रिपोर्ट प्राप्त कर विकासखण्ड तथा जनपद स्तर पर दैनिक आख्या प्रस्तुत करेंगें तथा स्वयं भी छात्र-छात्राओं से रेन्डमली बातचीत कर ऑन-लाइन कक्षा शिक्षण की वास्तविक जानकारी प्राप्त करेंगें।
6. ऐसे छात्र छात्रायें जिनके पास ऑन-लाइन कक्षा शिक्षण हेतु कोई सुविध नहीं है, उन्हें दूरदर्शन के ज्ञानदीप कार्यक्रम एवं PMe Vedya का उपयोग करने के साथ-साथ उन्हें नियमित अन्तराल मे विषयवार नोट बुक के माध्यम से साप्ताहिक जानकारी प्रदान की जाए।
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7. मुख्य शिक्षा अधिकारी विकासखण्ड तथा जनपद स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्रत्येक दिन ऑन लाइन शिक्षण की आख्या संकलित करेंगें तथा निदेशालय को सूचना प्रेषित करना सुनिश्चित करेंगें।
8. प्रत्येक प्रधानाचार्य ऑन लाइन शिक्षण हेतु समय-सारणी तैयार करेगें। जिसमें प्रत्येक विषय का समय निर्धारित किया जायेगा। समय सारणी के अनुसार ही विषय पढ़ाया जाय जिससे विषय का दोहराव न हो।
9. अतिथि शिक्षकों को भी उक्त ऑन लाइन पठन-पाठन के कार्यक्रम में सम्मिलित किये जायें ताकि उस विषय में छात्र-छात्रऐं पिछड़े नहीं।
10. समय-समय पर शिक्षक अपने विषय में मूल्यांकन कार्य भी करते रहें।