UJVNL के प्रबंध निदेशक डाॅ. संदीप सिंघल द्वारा जनपद उत्तरकाशी की विद्युत परियोजनाओं का किया गया निरीक्षण..

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Inspection of power projects of Uttarkashi

Inspection of power projects of Uttarkashi : यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डाॅ. संदीप सिंघल माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा तिलोथ विद्युतगृह के आर.एम.यू. कार्यों के लोकार्पण अवसर तथा जलविद्युत परियोजनाओं के निरीक्षण हेतु जनपद उत्तरकाशी में रहे।
अपने उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने निगम की भगीरथी घाटी में स्थित परियोजनाओं एवं विद्युत गृहों का स्थलीय निरीक्षण किया। अपने निरीक्षण कार्यक्रम में डॉ. सिंघल ने मनेरी भाली द्वितीय परियोजना, धरासू विद्युत गृह, जोशियाड़ा बैराज, तिलोथ विद्युत गृह तथा मनेरी बांध का निरीक्षण करते हुए कार्यों की प्रगति से संबंधित जानकारी भी ली।

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बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना कार्यों का विशेष रूप से किया निरीक्षण | Inspection of power projects of Uttarkashi

डॉ. सिंघल ने इस दौरान बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना (Dam Rehabilitation and Improvement Project) के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों का विशेष रूप से निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों से वार्तालाप करते हुए विभिन्न गतिविधियों एवं चल रहे कार्यों की जानकारी ली तथा उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। अपने निरीक्षण में डाॅ. सिंघल ने परियोजनाओं एवं विद्युत गृहों में चल रहे विभिन्न कार्यों के संबंध में उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए तथा चल रहे कार्यों को समय से पूर्ण करने पर विशेष ध्यान देने के कहा। उन्होंने तिलोथ विद्युतगृह के आर.एम.यू. के कार्यों के लोकार्पण पर विद्युतगृह के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे सीमावर्ती उत्तरकाशी जिले की विद्युत आपूर्ति में निश्चित ही सुधार होगा।

उल्लेखनीय है कि निगम द्वारा अपनी उपयोगी उत्पादन आयु पूर्ण चुके विद्युतगृहों में विद्युत उत्पादन में वृद्धि तथा मशीनों की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से नवीनीकरण, उच्चीकरण एवं पुनरोद्धार (RMU) के कार्य किए जा रहे हैं। आर.एम.यू. के कार्यों के अंतर्गत ही सन् 1984 में ऊर्जीकृत मनेरी-भाली प्रथम जल विद्युत परियोजना के कुल 189 करोड़ रुपए की लागत के तिलोथ विद्युतगृह के आर.एम.यू. के कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इससे बिना किसी पर्यावरणीय क्षति एवं विस्थापन के परियोजना की स्थापित क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही विद्युत उत्पादन में भी आशातीत वृद्धि हुई है। आर.एम.यू. से पूर्व तिलोथ विद्युतगृह की स्थापित क्षमता 90 मेगावाट थी जो आर.एम.यू. के पश्चात बढ़कर 94.5 मेगावाट हो गई है।

प्रतिवर्ष लगभग 397 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होता | Inspection of power projects of Uttarkashi

साथ ही आर.एम.यू. से पूर्व विद्युतगृह से जहां प्रतिवर्ष लगभग 397 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होता था वहीं आर.एम.यू. के पश्चात उत्पादन 22% बढ़कर लगभग 483 मिलियन यूनिट हो जाएगा। आर.एम.यू. के उपरांत मशीनों की उपलब्धता भी 73.67 प्रतिशत से बढ़कर 77.5 % हो जाएगी। वित्तीय लाभ की बात करें तो आर.एम.यू. से पूर्व परियोजना से लगभग 57 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व प्राप्त होता था जो की आर.एम.यू. के पश्चात लगभग 40 करोड़ रुपए बढ़कर लगभग 97 करोड़ रुपए हो जाएगा। उत्पादन में वृद्धि से जहां विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा वहीं राजस्व में वृद्धि भी होगी।


भगीरथी घाटी में स्थित परियोजनाओं के निरीक्षण के दौरान निदेशक परिचालन अजय कुमार सिंह, अधिशासी निदेशक पंकज कुलश्रेष्ठ, उपमहाप्रबंधक भरत भारद्वाज, राजेश चौकसे, आशुतोष कुमार, ए.के.सिंह तथा अधिशासी अभियंता एम.एस.नाथ, मनोज रावत, अमन बिष्ट, नवल चौधरी, एस.एस.नेगी, अरुण कुमार के साथ ही निगम की भागीरथी घाटी परियोजनाओं के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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