Uttarakhand Tunnel Latest News: कब निकलेंगे सुरंग से बाहर? विपक्ष ने साधा निशाना, सुर्खियों में आया सिलक्यारा..

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Workers seen in Silkyara Tunnel in Camera

Uttarakhand Tunnel Latest News: दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 14वां दिन है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में दिवाली वाले दिन भूस्खलन हुआ था। रात्रि शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए मजदूर ढाई घंटे बाद शिफ्ट खत्म कर बाहर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन हो गया और वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसकर रह गए। उसी दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन कब तक मजदूर बाहर आ जाएंगे इस बारे में राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े एनएचआईडीसी और जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। मजदूरों को अंदर फंसे 14 दिन हो गए हैं।

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सुर्खियों में आया गुमनाम सिलक्यारा। Uttarakhand Tunnel Latest News
यमुनोत्री हाईवे के निकट छोटे से गांव सिलक्यारा को सुरंग हादसे ने बड़ी पहचान दी है। हादसे के बाद गुमनाम सा यह गांव देश-विदेश की सुर्खियां में रहा। हैशटैग उत्तरकाशी रेस्क्यू से इस हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अब तक चार हजार से ज्यादा पोस्ट की जा चुकी हैं, जबकि गूगल पर उत्तराखंड टनल लेटेस्ट न्यूज कीवर्ड से इस हादसे से जुड़ी खबरों को 13 दिन में 20 हजार से अधिक बार सर्च किया गया है। 12 नवंबर को बड़ी दिवाली के दिन यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा बैंड के निकट निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन से 41 श्रमिक सुरंग के अंदर ही फंस गए। इसके बाद यह खबर बहुत तेजी से देश-विदेश में फैली। पिछले दिनों से सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने लिए केंद्र व राज्य की करीब 19 एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। देशभर से कई बड़ी मशीनें यहां ड्रिलिंग और बोरिंग के लिए पहुंचाई गईं। देश के कई बड़े वैज्ञानिक संस्थानों के विशेषज्ञ भी सिलक्यारा पहुंचे। वहीं, विदेशी एक्सपर्ट भी बुलाए गए। हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन को कवर करने के लिए देश-विदेश के तमाम बड़े मीडिया संस्थान सिलक्यारा पहुंचे।

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हर आहट पर धड़क रहा दिल…बेबस मजदूरों को अब सता रहा ये गम। Uttarakhand Tunnel Latest News
हर आहट पर दिल धड़क रहा है….छोटी सी उम्मीद दिखते ही चेहरे खिल जाते, लेकिन फिर कुछ पल में ही मायूसी छा जाती। हर दिन का सवेरा एक उम्मीद लेकर आता, लेकिन फिर शाम होते-होते उम्मीद टूट रही। इस सिलसिले को आज 14 दिन हो गए। उत्तरकाशी की सुरंग में कैद 41 मजदूर अपनी आजादी का इंतजार कर रहे हैं। सुरंग में हल्की सी भी हलचल होती तो उन्हें अपने बाहर निकलने की उम्मीद दिखती, लेकिन पल भर में ही उनका ये भ्रम टूट जाता। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर जहां बाहर निकलने को बेकरार हैं, वहीं बाहर उनके परिजनों को भी खुशखबरी का इंतजार है।

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कार्यदायी संस्थाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई: धस्माना। Uttarakhand Tunnel Latest News
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा एमसीटी (मेन सेंट्रल थ्रस्ट) वाले संवेदनशील क्षेत्रों में 5.5 मीटर की जगह 12 मीटर चौड़ाई का काम किया जा रहा जो भू-धंसाव और भूस्खलन की बड़ी वजह बन रहा है। धस्माना ने यह भी कहा कि सरकार यह भी बताए कि सिलक्यारा सुरंग मामले के लिए जिम्मेदार किन लोगों, एजेंसियों और कार्यदायी संस्थाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी का हर नेता व कार्यकर्ता भगवान से सिलक्यारा सुरंग आपदा में फंसे सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित निकल आने की प्रार्थना कर रहा है।

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कमेटी की सिफारिशों की भी अनदेखी का आरोप। Uttarakhand Tunnel Latest News
कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग को 20 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने हरी झंडी दी। जिसमें स्पष्ट रूप से एस्केप पैसेज का जिक्र है, फिर ऐसे में बिना एस्केप पैसेज और आपातकालीन निकासी के निर्माण के प्रधानमंत्री की कमेटी के निर्णय की अनदेखी करते हुए कैसे साढ़े चार किलोमीटर की सुरंग बनाई जा रही थी। धस्माना ने कहा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने हाल ही में मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा था कि भविष्य में बनने वाली सुरंग में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा, चारधाम परियोजना में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाईपावर कमेटी की सिफारिशों की भी अनदेखी की जा रही है।

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सबसे बड़ी ड्रिल मशीन भी पहुंची। Uttarakhand Tunnel Latest News
वैसे तो सिलक्यारा सुरंग के भीतर से ड्रिल करने की योजना सफलता की ओर बढ़ रही है, लेकिन जियो फिजिकल विशेषज्ञों ने सुरंग के ऊपर से भी ड्रिल के लिए परिस्थितियां अनुकूल मानी हैं। विशेषज्ञों ने इसकी रिपोर्ट भी नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) को सौंप दी है। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने का अभियान पिछले 13 दिन से चल रहा है। अभियान के दौरान सुरंग के भीतर से सफलता न मिलने पर ऊपर से भी ड्रिल करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत एसजेवीएनएल को यहां 1.2 मीटर व्यास की ड्रिल करनी थी तो आरवीएनएल को 8 इंच की ड्रिल करके लाइफलाइन पाइप पहुंचाना था। इसके लिए कवायद शुरू की गई, जिसके तहत बीआरओ ने सड़क भी बना दी थी। जहां से ड्रिल होनी थी, उस स्थान का चयन कर लिया गया था। इसके बाद जियो फिजिकल विशेषज्ञों ने इसका निरीक्षण किया।

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41 मजदूरों को भी हो सकता है खतरा। Uttarakhand Tunnel Latest News
पारसन कंपनी के जियो फिजिकल विशेषज्ञ बी भास्कर ने बताया कि उस स्थान से नीचे तक करंट से जांच की गई। पता चला कि उस क्षेत्र में कोई भी पानी का स्रोत ड्रिल के रास्ते में नहीं आएगा। ये माना गया था कि अगर ड्रिल के दौरान कोई पानी का स्रोत आया तो पूरे अभियान के साथ ही 41 मजदूरों को भी खतरा हो सकता है। लिहाजा, जरूरत पड़ने पर यहां आसानी से ड्रिल की जा सकती है। बचाव अभियान के दूसरे विकल्पों के तहत सुरंग के ऊपर से ड्रिल करने को सबसे बड़ी ड्रिल मशीन भी तैयार कर दी गई है। इसे अलग-अलग हिस्सों में लाया गया था।

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