राइफल मैन वीरचक्र स्व. अवतार सिंह पंवार की पुण्य स्मृति में बने स्मृति द्वार का हुआ उद्घाटन..

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Rifleman Veerachakra Late. Avtar Singh Panwar. Hillvani News

Rifleman Veerachakra Late. Avtar Singh Panwar. Hillvani News

18 अगस्त 1987 को श्रीलंका के कुकुडचुलाई में तमिल उग्रवादी हमले में तीन खूखार तमिल उग्रावियों को मौत के घाट उतारने के बाद अपने प्राणों की आहूति देने वाले राइफल मैन वीरचक्र स्व. अवतार सिंह पंवार की पुण्य स्मृति में 12 गढ़वाल के सैन्य अधिकारियों व जवानों द्वारा स्वैच्छिक अनुदान से कुण्ड- चोपता-गोपेश्वर नेशनल हाईवे पर भटेश्रर वार्ड के अन्तर्गत बने स्मृति द्वार का उद्घाटन सैन्य अधिकारियों, जवानों, जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों व परिजनों की मौजूदगी में किया गया। इस अवसर पर सैन्य अधिकारियों द्वारा वीरचक्र अवतार सिंह के अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा व वीरता पर गहनता से प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये तथा 12 गढ़वाल राइफल्स के सैन्य अधिकारियों द्वारा उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। बता दे कि 60 के दशक में माता रूद्रा देवी व पिता शिव सिंह के घर जन्मे अवतार सिंह में भारत माता के प्रति अगाध श्रद्धा बचपन से कूट – कूटकर भरी हुई थी। उनकी प्राथमिक व हाई स्कूल की शिक्षा ऊखीमठ में समपन्न हुई। तहसील मुख्यालय के निकटवर्ती गाँव भटवाडी में जन्मे अवतार सिंह 1984 में सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने का मौका मिला तथा 12 गढ़वाल राइफल्स में तैनात रहते हुए राइफल्स मैन अवतार सिंह 18 अगस्त 1987 को श्रीलंका के कुकुडचुलाई गाँव में तमिल उग्रवादियों से मुठभेड़ होने पर उन्होंने तीन खूखार तमिल उग्रवादियों को मौत के घाट उतारने के बाद उन्होंने अपने प्राणों की आहूति देने के बाद शहीद हो गये थे।

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राइफल्स मैन अवतार सिंह के अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा व वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत 15 जनवरी 1988 को भारत सरकार द्वारा वीरचक्र से सम्मानित किया गया था। वीरचक्र अवतार सिंह की स्मृति में 12 गढ़वाल राइफल्स के सैन्य अधिकारियों व जवानों द्वारा विगत दिनों कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर नेशनल हाईवे पर भटवाडी गाँव के निकट स्वैच्छिक अनुदान से स्मृति द्वार का निर्माण किया गया था। बुधवार को स्मृति द्वार का उद्घाटन करते हुए 12 गढ़वाल के पूर्व कर्नल एन एस सामन्त राघव ने कहा कि अवतार सिंह का बलिदान इतिहास के पन्नों में अंकित है इसलिए ऐसे वीर सपूत की याद में स्मृति द्वार का निर्माण किया गया है। पूर्व कमान्डेंट रघुवेन्द्र कुमार राघव ने कहा कि अवतार सिंह ने घायल होने के बाद भी तीन खूखार तमिल उग्रवादियों को मौत के घाट उतारा ऐसे वीर सपूत की जननी व जन्मभूमि धन्य है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यू एस रावत, पूर्व कैप्टन बीरेन्द्र रावत, पूर्व कैप्टन जयकृत सिंह कुवर व पूर्व सुबेदार मेजर यशवन्त रावत ने वीरचक्र अवतार सिंह के जीवनी पर विस्तृत से प्रकाश डाला।

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नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वीरचक्र अवतार सिंह की स्मृति में बने स्मृति द्वार की देखभाल करना हर एक व्यक्ति का दैनिक दायित्व है कार्यक्रम का संचालन मदमहेश्वर मेला समिति सचिव प्रकाश रावत ने किया। इस मौके पर सैन्य अधिकारियों द्वारा वीरचक्र अवतार सिंह के परिजन गंगोत्री देवी, बिन्देश्वरी देवी, सुशीला देवी, गोदाम्बरी देवी, नीता देवी, समीक्षा, दिपीका, अनिरुद्ध, ऋर्षि, सानवी, साक्षी, गिन्याशी, श्रीयशी, शिवान्स को शांल ओढकर सम्मानित किया गया तथा सैन्य अधिकारियों, जवानों, जनप्रतिनिधियों, परिजनों व ग्रामीणों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर वीरचक्र अवतार सिंह को श्रद्धांजलि दी गयी। इस मौके पर व्यापार संघ अध्यक्ष राजीव भटट्, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संगीता नेगी, सभासद रविन्द्र रावत, प्रदीप धर्म्वाण, कर्मवीर कुवर, जगत सिंह, रणजीत सिंह, प्रहलाद सिंह, मनीश सिंह, अंकित रावत, राजीव गैरोला, महावीर सिंह नेगी, सन्तोष शैव, प्रधान सन्दीप पुष्वाण, पवन राणा, बीरेन्द्र रावत, प्रकाश पंवार, तेज प्रकाश त्रिवेदी, दिलवर सिंह रावत, दिनेश राणा, योगेन्द्र नेगी, जगमोहन पंवार सहित सैन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि परिजन , ग्रामीण व व्यापारी मौजूद थे।

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