Kedarnath: क्या पीतल में बदल गया गर्भगृह में लगा सोना? BKTC ने दी सफाई, बताया षड्यंत्र..
Kedarnath Dham Gold Plating: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित करने पर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित किए जा रहे आरोपों को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने षड्यंत्र का हिस्सा बताया। कहा कि दानीदाता ने मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित करने की इच्छा प्रकट की थी। दानीदाता की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को अनुमति दी गई। मंदिर समिति की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने स्पष्ट किया है कि बीकेटीसी अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है। केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखदेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।
यह भी पढ़ेंः UCC पर तेजी से कदम बढ़ा रहा उत्तराखंड। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ेगी, संपत्ति हक, हलाला पर रोक। पढ़ें..
बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गर्भगृह को स्वर्ण जड़ित करने का कार्य स्वयं दानीदाता ने अपने स्तर से किया। दानीदाता ने अपने स्तर से ज्वेलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई व फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई और अपने ज्वेलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया। सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का संपूर्ण कार्य दानीदाता की ओर से कराया गया। अपने स्वर्णकार के माध्यम से बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के बाद दे दिए गए थे। जिन्हें बीकेटीसी ने नियमानुसार स्टाक बुक में दर्ज किया। दानस्वरूप किए इस कार्य के लिए दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म की ओर से बीकेटीसी के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई। दानीदाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा- 80 जी का प्रमाण पत्र भी नहीं मांगा।
यह भी पढ़ेंः Horoscope Today 18 June 2023: आज शनि हुए वक्री। क्या पड़ेगा राशियों पर प्रभाव? इन राशियों का चमकाएंगे भाग्य..
बता दें कि इसी दानीदाता ने वर्ष 2005 में बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया था, लेकिन वर्तमान समय में एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के कारण यात्री संख्या में भारी वृद्धि हुई है। यह बात कुछ राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रही है। ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने व केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंडः विधायक के भाई पर भूमि हड़पने का आरोप, भूख हड़ताल पर बैठी बुजुर्ग महिला..