तुंगनाथ धाम पहुंचे 19 हजार से अधिक श्रद्धालु, दर्शनों के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य से भी हो रहे रूबरू..
हिमालय में सबसे ऊंचाई पर विराजमान तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के धाम में एक माह छ: दिन की अवधि में तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 19 हजार के पार पहुंच गया है। तुंगनाथ धाम में प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित कर विश्व समृद्धि की कामना कर रहे हैं। तुंगनाथ धाम में प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्रियों की आवाजाही होने से तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से पूर्व तुंगनाथ धाम में छ: माह की अवधि में तुंगनाथ में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा मात्र 11 से 12 हजार तक सिमट कर रह जाता था तथा विगत वर्ष भी छ: माह की अवधि में तुंगनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों का आंकड़ा 28 हजार तक ही सिमट कर रह गया था जबकि इस बार मात्र 36 दिनों की अवधि में तुंगनाथ धाम में 19 हजार, 962 तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना कर विश्व समृद्धि की कामना की।
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जानकारी देते हुए मन्दिर समिति प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि तुंगनाथ धाम हिमालय के सबसे ऊंचाई पर विराजमान है तथा तुंगनाथ धाम में भगवान शंकर के भुजाओं की पूजा होती है। उन्होंने बताया कि तुंगनाथ धाम हिल स्टेशन चोपता से लगभग चार किमी दूर व चन्द्र शिला की तलहटी में सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य बसा हुआ है। तुंगनाथ धाम के प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी ने बताया कि इस वर्ष भगवान तुंगनाथ के कपाट विगत 26 मई को ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये थे तथा कपाट खुलने से लेकर अभी तक 19,961 तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम पहुंच कर पुण्य अर्जित कर रहे है। उन्होंने बताया कि तुंगनाथ धाम पहुंचने वाला तीर्थ यात्री तुंगनाथ धाम में पूजा-अर्चना के बाद तुंगनाथ घाटी के शीर्ष पर विराजमान चन्द्र शिला के प्राकृतिक सौन्दर्य से भी रूबरू हो रहें हैं।
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पण्डित गीता राम मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ धाम में जो भी भक्त जिस मनोकामना को लेकर आता है उसके सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं। प्रधान मक्कू विजयपाल नेगी ने बताया कि विगत कई दिनों से ऊंचाई वाले इलाकों में बार – बार बारिश होने से चोपता – तुंगनाथ पैदल मार्ग के दोनों तरफ फैले सुरम्य मखमली बुग्याल हरियाली से आच्छादित होने से तुंगनाथ घाटी की सुन्दरता पर चार चांद लगने शुरू हो गयें है।
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