उत्तराखंडः साइकिल यात्रा पर निकले राजस्थान के 26 वर्षीय सुमित पंवार, पर्यावरण संरक्षण का दे रहे सन्देश..
पर्यावरण को बचाने का सन्देश देने के लिए साइकिल यात्रा पर निकले राजस्थान के 26 वर्षीय सुमित पंवार के तुंगनाथ घाटी पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। विगत 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले सुमित पंवार जयपुर, दिल्ली, हरिद्वार, केदारनाथ सहित विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर आम जनमानस को पर्यावरण के प्रति सजग कर रहे है तथा आने वाले समय में उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से परीक्षण लेकर एवरेस्ट को फतह करने का लक्ष्य रखा है। सुमित पंवार का कहना है कि पूरे विश्व में पर्यावरण की समस्या प्रति दिन बढ़ती जा रही है तथा भविष्य में पर्यावरण की समस्या और गम्भीर ह़ो सकती है इसलिए साइकिल यात्रा कर जनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है। विगत 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले 26 वर्षीय सुमित पंवार पुष्कर, जयपुर, दिल्ली, हरियाणा, यूपी के विभिन्न शहरों में आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का सन्देश देते हुए हरिद्वार पहुंचे तथा हर की पौड़ी पर तीर्थ स्नान के बाद सुमित पंवार ने देवभूमि उत्तराखंड में पर्दापण किया।
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सुमित पंवार देवप्रयाग, धारी देवी, रूद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, केदारनाथ, त्रियुगीनाराण तथा मदमहेश्वर तीर्थों सहित छोटे – छोटे हिल स्टेशनों पर आम जनता को पर्यावरण का सन्देश देते हुए लगभग 1 हजार किमी की दूरी साइकिल से तय करने के बाद तुंगनाथ घाटी पहुंचे तो ग्रामीणों ने सुमित पंवार का भव्य स्वागत किया। तुंगनाथ घाटी का भ्रमण करने के बाद वे तुंगनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों को पर्यावरण का सन्देश देते हुए बद्रीनाथ धाम सहित रूद्रनाथ, कल्पनाथ, गोपेश्वर, जोशीमठ, हेमकुंड साहिब सहित विभिन्न तीर्थों व शहरों में तीर्थ यात्रियों व आम जनमानस को पर्यावरण का सन्देश देते हुए देहरादून पहुंचेंगे तथा देहरादून से फिर गंगोत्री, यमुनोत्री के लिए साइकिल यात्रा शुरू करेगें तथा दोनों तीर्थों की यात्रा पूर्ण होने पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से प्रशिक्षण लेने के बाद एवरेस्ट यात्रा पर निकलेगे।
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सुमित पंवार का कहना है कि भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है तथा पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए यदि आम जनता, केन्द्र व प्रदेश सरकारें तथा विभिन्न सामाजिक संगठन आगे आये नहीं तो भविष्य में परिणाम गम्भीर हो सकतें हैं। उनका कहना है कि अन्य वाहनों के संचालन से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ सकता है इसलिए छोटी – छोटी यात्राओं के लिए साइकिल का प्रयोग किया जाना चाहिए। सुमित पंवार ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड हकीकत में स्वर्ग के समान है इसलिए यहाँ पग – पग पर अपार आनन्द की अनुभूति होने के साथ यहाँ के जनमानस बहुत ही मृदुभाषी तथा सौम्य व्यवहार का है। सुमित पंवार के तुंगनाथ घाटी पहुंचने पर विजय सिंह पंवार, गौरव गम्भीर, श्रीमती बिशीला पंवार व प्रीति पंवार ने उनका भव्य स्वागत कर उनके प्रयासों की भूरी – भूरी प्रशंसा कर युवाओं को भी सुमित पंवार के प्रयासों से प्रेरणा लेने का आवाहन किया।
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