बिना भाषा के मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं, भाषा ही उन्नति का मुख्य मार्ग- डॉ. नीतू
ऊखीमठः गंगाधर मैठाणी राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी (विद्यापीठ) रुद्रप्रयाग में नमामि गंगे के तत्वधान में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर प्रताप सिंह जंगवान द्वारा दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए हिंदी विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नीतू थपलियाल ने हिंदी के उद्भव एवं विकास और वर्तमान प्रासंगिकता के बारे में छात्र छात्राओं को अवगत कराया। डॉ. नीतू ने बताया कि बिना भाषा के मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं है और ना ही व्यक्ति, राज्य, राष्ट्र बिना भाषा के उन्नति कर सकता है अर्थात भाषा ही उन्नति का मुख्य मार्ग है। असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी डॉ. योगिशा ने बताया कि कैसे हिंदी भाषा के कारण विवाद रहा और आगे चलकर इस विवाद को समाप्त कर हिंदी को राजकीय/ राजभाषा बनाया गया तथा साथ ही साथ यहां भी बताया की प्रसिद्ध कवि, राजनीतिक चिंतक,समाजसेवी रामानंद ने अपने समय में छात्र-छात्राओं को हिंदी भाषा के संवर्धन एवं विकास से आत्मसात किया।
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कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं जिसमें सूरज, दिव्यांश, अंकुश राणा, नैना, चंद्रकला, काजल आदि ने स्वरचित कविता, लोकगीत और भाषण के माध्यम से प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रोफेसर पी. एस जगवान ने छात्र छात्राओं को हिंदी की वर्तमान प्रासंगिकता से अवगत कराया। कार्यक्रम समापन पर महाविद्यालय के नमामि गंगे नोडल अधिकारी डॉ. गणेश भागवत ने धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रोफेसर प्रताप सिंह जंगवान प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार, डॉ0. योगिशा, डॉ.नीतू थपलियाल, डॉ.अनुराग भंडारी, डॉ. गणेश भागवत, डॉ. चिंतामणि, डॉ. मोनिका और अन्य अधिकारी, कर्मचारी व नौनिहाल उपस्थित रहे।
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