उत्तराखंडः विजिलेंस अधिकारी बनकर पहुंचे 4 पत्रकार, प्रधान सहायक से की ठगी। पहुंचे जेल..
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक को विजिलेंस कर्मी बताकर एक लाख ठगने वाले ऊधम सिंह नगर के कथित पत्रकार निकले। पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। 18 मई को हल्द्वानी स्थित सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय के प्रधान सहायक उमेश चन्द्र कोठारी के कार्यालय में फर्जी विजिलेंस ने छापा मारा था। कोठारी को अलग कमरे में ले जाकर उनका वीडियो और फोटो दिखाते हुए ब्लैकमेल किया गया। इसके बाद एक लाख रुपए मांगे, रुपए नहीं देने पर आरोपित गिरफ्तार करने की धमकी देते रहे। पत्नी की बीमारी पर सारा रुपया खर्च होने पर प्रधान सहायक ने अपने रिश्तेदार और दोस्त से कर्ज लेकर एक लाख रुपए जुटाए और आरोपितों को दे दिए थे। शनिवार को प्रधान सहायक ने हिम्मत जुटाकर पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी थी। तीन आरोपितों को पुलिस पकड़ चुकी है। जिसमें दो आरोपित ऊधम सिंह नगर जिले के पत्रकार हैं और एक ड्राइवर है।
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विजिलेंस के अधिकारी बनकर प्रधान सहायक से एक लाख ठगने के चार आरोपियों में से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। नोएडा निवासी चौथी महिला अभी फरार है। पुलिस उसको पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से 90000 रुपये और घटना में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली है। घटना को अंजाम देने वाले दो आरोपी एक न्यूज चैनल के पत्रकार हैं। शुक्रवार को मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग कार्यालय कालाढूंगी रोड में प्रधान सहायक के पद पर तैनात उमेश चंद्र कोठारी से चार लोगों ने विजिलेंस अधिकारी बनकर एक लाख रुपये ठग लिए थे। आरोपियों ने प्रधान सहायक को कुछ वीडियो भी दिखाए। पैसा नहीं देने पर ट्रैप करने और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। प्रधान सहायक की तहरीर पर पुलिस ने महिला सहित चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। रविवार को बहुउद्देशीय भवन में खुलासा करते हुए एसपी क्राइम डा. जगदीश चंद्र ने बताया कि पुलिस ने इसकी जांच के लिए कई सीसीटीवी खंगाले। सीसीटीवी में दिख रहे व्यक्ति की पहचान ऊधमसिंह नगर में एक न्यूज चैनल में तैनात भूपेंद्र सिंह पन्नू निवासी निकट विद्या मंदिर इंटर कालेज बाजपुर के रूप में हुई। उधर घटना में प्रयुक्त कार के नंबर से मालिक की भी पहचान की गई।
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पुलिस ने भूपेंद्र सिंह के ठिकानों पर छापे मारे। पता चला कि भूपेंद्र सिंह अपने ससुराल मनिहार गोठ चंपावत में छिपा हुआ है। पुलिस ने यहां दबिश देकर सौरभ गावा निवासी गली नंबर तीन शांति बिहार रुद्रपुर और सुंदर सिंह निवासी कॉलोनी नंबर दो गूलरभोज को 90 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त कार यूके06बीए 4534 को भी चंपावत से बरामद कर लिया। उधर आरोपी साक्षी सक्सेना निवासी नोएडा अभी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए नोएडा गई हुई है। पकड़े गए दो पत्रकारों पर पहले ही कई धाराओं में मुकदमा दर्ज है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों की केस हिस्ट्री खंगाल रही है। एसपी क्राइम ने बताया कि सौरभ गावा पर थाना करीम नगर हैदाराबाद में 2019 में चिकित्सक का स्टिंग कर एक लाख रुपये रंगदारी मांगने का केस दर्ज है और जेल भी जा चुका है। दूससे पत्रकार भूपेंद्र सिंह पन्नू पर बाजपुर थाने में 2021 में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इस पर एक व्यक्ति की कार को कब्जे में रखकर अमानत में खयानत का मामला दर्ज है।
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मान्यता रद्द करने के लिए सूचना विभाग भेजा जाएगा पत्र
भूपेंद्र सिंह एक न्यूज चैनल के स्टेट ब्यूरो चीफ के पद पर तैनात है। सौरभ गावा भी उस ही न्यूज चैनल में एसआईटी हेड है। इन दोनों को सूचना विभाग से ऊधमसिंह नगर और देहरादून में मान्यता प्राप्त है। सवाल उठ रहे हैं कि मान्यता देने से पहले एलआईयू जांच हुई थी या नहीं। जांच में क्या लिखा था। सूचना विभाग ने जांच को नजरअंदाज किया या एलआईयू की जांच गलत थी। बता दें कि एलआईयू जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सूचना विभाग मान्यता देता है। इधर, पुलिस इन दोनों पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के लिए सूचना विभाग को पत्र भेजेगी। एसपी क्राइम ने बताया कि सोमवार को सूचना विभाग को पत्र भेज दिया जाएगा।
प्रधान सहायक ने हिम्मत कर मुकदमा लिखवाया
प्रधान सहायक उमेश चंद्र कोठारी ने सबसे पहले ये बात अपने अधिकारियों और साथी कर्मचारियों को बताई। उन्होंने पुलिस से शिकायत करने को कहा। इसके बाद उमेश कोठारी ने हिम्मत कर मुकदमा लिखवाया। उमेश चंद्र कोठारी ने जब अधिकारियों को बताया कि विजिलेंस का अधिकारी पैसा लेने के लिए उसके साथ बाइक में बैठकर गया। ये बात अधिकारियों को खटक गई। उन्होंने कहा कि विजिलेंस का अधिकारी क्यों बाइक में बैठकर जाएगा।
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पहले स्टिंग और फिर ब्लैकमेलिंग करता है गैंग
हल्द्वानी और रुद्रपुर के कुछ पत्रकारों का एक गैंग पहले स्टिंग और फिर ब्लैकमेलिंग करता है। ये काम कराने या ठेका लेने के एवज में पैसा लेनदेन की बात करते हैं। इसके बाद इसे रिकॉर्ड किया जाता है फिर पैसे मांगे जाते हैं। ऐसा मामला लोनिवि में हो चुका है। इस तरह ही सिंचाई विभाग वाले केस में भी हुआ। लोक निर्माण विभाग में ऐसे ही एक स्टिंग की चर्चा है। इसमें भी भारी रकम वसूली गई। अब तक लोनिवि के अधिकारियों ने इसकी शिकायत नहीं की है। चर्चा है कि रुद्रपुर के लोनिवि के एक अधिकारी के पास दो लोग विभाग में ठेकेदार के लिए रजिस्ट्रेशन की बात करने पहुंचे। उन्होंने रजिस्ट्रेशन में होने वाले खर्च, टेंडर प्रक्रिया, टेंडर फिक्सिंग, कमीशन आदि को लेकर बात की। चर्चा है कि उस अधिकारी ने कथित ठेकेदार को हल्द्वानी बद्रीपुरा कार्यालय भेज दिया। यहां एक अधिकारी से मिलने को कहा। इसके बाद ये लोग हल्द्वानी आए और अधिकारी का हवाला देकर सारी बातें पूछ लीं और इसे रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद इन्होंने ब्लैकमेल किया और मोटी रकम वसूल ली। इसमें हल्द्वानी के कुछ कथित पत्रकार भी बताए जा रहे हैं। एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि लोनिवि के अधिकारियों या कर्मचारियों की शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी।
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अभियुक्तो का नाम पता
1- भूपेन्द्र सिंह पुत्र रणधीर सिंह निवासी निकट विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज बाजपुर उम्र 37 वर्ष।
2- सुन्दर सिंह पुत्र हयात सिंह निवासी कॉलोनी न० 2 गूलरभोज 30 सिनगर उम्र 35 वर्ष।
3- सौरभ गावा पुत्र किशन लाल गांवा निवासी गली न० 3 शान्ति बिहार रुद्रपुर उ0सि नगर उम्र 21।
बरामदगी
1- अभियुक्त भूपेन्द्र सिंह के कब्जे से उसके साक्षी सक्सेना के हिस्से में आये 50,000 रुपये में से 45000 /- रुपये भूपेन्द्र सिंह का समाचार नेशन इलैक्ट्रानिक मीडिया का आई कार्ड।
2- अभियुक्त सौरभ गावा से उसके हिस्से में आये 25,000 /- रुपये में से 23000 /- व सौरभ गावा का समाचार नेशन इलेक्ट्रानिक मीडिया का आई कार्ड।
3- अभियुक्त सुन्दर सिंह से उसके हिस्से में आये 25,000 रुपये में से 22000 / व घटना में प्रयुक्त कार यूके 06 बीए 4534 रंग सफेद बेगनआर कुल बरामदगी एक लाख रुपये में से 90,000/रुपये।
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