उत्तराखंड के 2785 स्कूल जर्जरहाल, विभाग पैसा खर्च करने को नहीं तैयार। पढ़ें अपने जिले का हाल..

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dilapidated schools in uttarakhand. Hillvani News

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उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर अभी भी जारी है और विभिन्न स्थानों पर जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए। भारी बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन हो रहा है। प्रदेश के मैदानी और पहाड़ों क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के इस दौर में स्कूली नौनिहालों को भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं प्रदेश के 2785 जर्जरहाल हैं, लेकिन केंद्र सरकार से समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों की मरम्मत, निर्माण, पाठ्य पुस्तकों, ड्रेस आदि के लिए मिले 198 करोड़ का विभाग 29 प्रतिशत ही अभी तक खर्च कर पाया है। पिछली धनराशि खर्च न होने से केंद्र सरकार ने अब स्कूलों के लिए मिलने वाली अगली किस्त रोक दी है। केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों के लिए इस साल अप्रैल महीने में 198 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की। इस धनराशि से स्कूलों में कक्ष-कक्षाओं के निर्माण के साथ ही उनकी मरम्मत आदि विभिन्न काम होने थे, लेकिन विभिन्न जिलों के 4378 स्कूलों ने इस मद में एक रुपया भी खर्च नहीं किया।

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शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को कार्य में प्रगति के निर्देश दिए गए हैं। अगले सप्ताह बैठक कर इसकी समीक्षा होगी। लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसमें अल्मोड़ा जिले के 399, बागेश्वर जिले के 154, चमोली के 222, चंपावत के 82, देहरादून के 462, हरिद्वार के 294, नैनीताल के 419, पौड़ी के 493, पिथौरागढ़ के 316, रुद्रप्रयाग के 245, टिहरी के 654, ऊधमसिंह नगर के 169 और उत्तरकाशी के 469 स्कूल शामिल हैं। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक लापरवाही पर हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के अधिकारियों का वेतन रोकने के बाद अन्य अधिकारियों को भी इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अगले एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों से इस संबंध में प्रगति मांगी गई है।

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केंद्र सरकार से मिलता है 90 प्रतिशत अनुदान
शिक्षा में सुधार के लिए समग्र शिक्षा के तहत केंद्र सरकार की ओर से राज्य के स्कूलों के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जबकि, 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा होता है।
इन जिलों में इतने स्कूल हैं जर्जरहाल
प्रदेश में 1437 प्राथमिक स्कूल, 303 उच्च प्राथमिक और 1045 माध्यमिक विद्यालय जर्जर हैं। इसमें अल्मोड़ा में 382, बागेश्वर में 94, चमोली में 204, चंपावत में 123, देहरादून में 206, हरिद्वार में 170, नैनीताल में 160, पौड़ी में 413, पिथौरागढ़ में 193, रुद्रप्रयाग में 128, टिहरी में 352, ऊधमसिंह नगर में 175 और उत्तरकाशी में 185 स्कूल जर्जर हाल हैं।

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