भगवान कार्तिक स्वामी की तपस्थली क्रौंच पर्वत तीर्थ में 11 दिवसीय महायज्ञ व महाशिव पुराण कथा का हुआ शुभारम्भ..
ऊखीमठ। लक्ष्मण नेगीः 8530 फीट की ऊंचाई पर विराजमान देव सेनापति भगवान कार्तिक स्वामी की तपस्थली क्रौंच पर्वत तीर्थ में 11 दिवसीय महायज्ञ व महाशिव पुराण कथा का शुभारम्भ वेद ऋचाओं के साथ हो गया है। महायज्ञ के शुभारम्भ अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने कार्तिक स्वामी तीर्थ पहुंच कर पुण्य अर्जित किया तथा कार्तिक स्वामी तीर्थ के चारों तरफ का भूभाग भक्तिमय बना हुआ है तथा कार्तिक स्वामी यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है। रविवार को तल्ला नागपुर की ग्राम पंचायत घिमतोली के स्वारी ग्वास गांव में कार्तिकेय मन्दिर समिति के प्रबन्धक पूर्ण सिंह नेगी के आवास पर भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न की पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजायें कर आरती उतारी तथा ठीक आठ बजे युगों से चली आ रही परम्परा के अनुसार स्थानीय वाध्य यंत्रों की मधुर धुनों व सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में भगवान कार्तिक स्वामी का प्रतीक चिह्न कार्तिक स्वामी तीर्थ के लिए रवाना हुआ। भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के रवाना होने पर प्रधान बसन्ती देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह नेगी नव युवक मंगल दल अध्यक्ष दीपक नेगी की मौजूदगी में सैकड़ों भक्तों की जयकारों से सम्पूर्ण भूभाग गुजायमान हो उठा तथा सैकड़ों भक्तों ने जय कुमार कार्तिकेय के जयकारों से भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न की अगुवाई की।
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भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के ग्वास गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया। ठीक दस बजे भगवान कार्तिक स्वामी के प्रतीक चिह्न के स्कन्द नगरी पहुंचने पर विद्वान आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चारण व वेद ऋचाओं से प्रतीक सहित अनेक देव निशाणों की गंगा जल से स्नान कर अभिषेक कर आरती उतारी तथा अल्प विश्राम के बाद भगवान कार्तिक स्वामी का प्रतीक कार्तिक स्वामी तीर्थ के लिए रवाना हुआ तथा भगवान कार्तिक स्वामी प्रतीक चिह्न के तीर्थ पहुंचने पर कुण्ड खातिक के साथ महायज्ञ व महाशिव पुराण का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। कार्तिक स्वामी तीर्थ में महायज्ञ व महाशिव पुराण के शुरू होने से मोहनखाल, कनकचौरी, घिमतोली, खडपतियाखाल, चोपता, दुर्गाधार मयकोटी, सतेराखाल यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लगी है। महायज्ञ में 14 जून को भव्य जल कलश यात्रा व 15 जून को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा। इस मौके पर कथावाचक वासुदेव प्रसाद थपलियाल सहित मन्दिर समिति के पदाधिकारी, सदस्य सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
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