वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह: वन्य जीवों के बिना प्रकृति का श्रृंगार है अधूरा..
वन्य जीव प्राणी सुरक्षा सप्ताह को लेकर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के ऊखीमठ रेंज, गुप्तकाशी व ईको विकास समिति के सयुंक्त तत्वावधान में विश्व विख्यात पर्यटक स्थल देवरिया ताल की सुरम्य वादियों में बसे पर्यटक गांव सारी वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह बडे़ उत्साह व उमंग से मनाया गया। जिसमें जनप्रतिनिधियों, गांवों के विभिन्न संगठनों व ग्रामीणों ने बढ़-चढकर भागीदारी की। इस दौरान गाँव में जन जागरूकता रैली निकालकर तथा गोष्ठी का आयोजन कर ग्रामीणों को वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए अनेक जानकारियां दी गयी तथा ग्रामीणों को वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति सजग किया गया।
पर्यटक गाँव सारी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ऊखीमठ रेंज गुप्तकाशी के वन दरोगा कुलदीप सिंह नेगी ने कहा कि 1 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक विभाग द्वारा वन्य जीव सुरक्षा सप्ताह मनाया गया है। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए वन्य जीवों के संरक्षण व संवर्धन के प्रति सभी ग्रामीणों को जागरूक होना पडे़ तथा वन्य जीव प्राणी अपने स्वत्रंत विचरण कर सकते है क्योंकि वन्यजीव प्रकृति की अनमोल धरोहर है। जन जागरूकता रैली व गोष्ठी में देश-विदेश के पर्यटकों ने भी प्रतिभाग कर कार्यक्रम की सराहना करते हुए वन्य जीवों की सुरक्षा एवं संबर्धन पर जोर दिया। वन विभाग की टीम के सदस्यों, ईको विकास समिति के अध्यक्ष, ग्रामीणों व पर्यटकों द्वारा वन्य जीव से संबंधित विभिन्न जानकारियों का आदान-प्रदान किया गया।
इस मौके अध्यक्ष ईको विकास समिति मनोज सिंह नेगी ने कहा कि वन्य जीवों के बिना प्रकृति का श्रृंगार अधूरा है इसलिए वन्यजीव प्राणियों की सुरक्षा के लिए सामूहिक पहल होनी चाहिए। पूर्व सूचना अधिकारी गजपाल भटट् ने कहा कि प्रदेश सरकार व वन विभाग की पहल पर प्रति वर्ष वन्यजीव प्राणी सुरक्षा सप्ताह मनाकर ग्रामीणों को वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति सजग किया जाता है। इस मौके पर पंच केदार एडवेंचर आनर्स दीवान सिंह, ट्रेकर एंड गाडड देवेंद्र सिंह नेगी, कलकत्ता से आए पर्यटक सुकांत कुमार पाल, दिल्ली के पर्यटक श्रीनिवासन लिंका व शवरी राय, वन आरक्षी गंगा सिंह राणा व मुकेश सिंह सहित ग्रामीण उमेंद्र सिंह, आयुष भट्ट, आरूष नेगी, सिद्धार्थ नेगी, मनोज लाल सहित जनप्रतिनिधि, गाँव के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी, सदस्य व ग्रामीण वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।