क्या भारत में बंद होगा WhatsApp? जानिए क्या हैं वजह?

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वॉट्सऐप के भारत से कारोबार समेटने की खबरें जोरों पर हैं। इसकी वजह आईटी एक्ट को माना जा रहा है। दरअसल नए आईटी एक्ट 2000 में प्रावधान है कि अगर सरकार चाहें, तो वॉट्सऐप को यूजर्स की जानकारी सरकार को सौंपनी होगी। इसी को आधार बनाकर दावा किया जा रहा है कि अगर सरकार वॉट्सऐप पर दबाव डालने की कोशिश करती हैं, तो वॉट्सऐप की ओर से भारत छोड़ा जा सकता है, क्योंकि सरकार ने आईटी एक्ट में बदलाव करके ऐसा करना अनिवार्य कर दिया है। मतलब वॉट्सऐप सरकार को मना नहीं कर सकती हैं। वॉट्सऐप के लिए भारत सबसे बड़ा मार्केट है, जहां चीन में पहले से वॉट्सऐप का इस्तेमाल प्रतबंधित है। वही यूक्रेन का सपोर्ट करने की वजह से रूस ने भी वॉट्सऐप के इस्तेमाल को बैन कर दिया है। अगर भारत की बात करें, तो भारत में वॉट्सऐप के कुल यूजर्स करीब 400 मिलियन हैं।

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सरकार ने दिया जवाब
आपको बता दें कि सरकार ने संसद में कांग्रेस सांसद की तरफ से पूछे गए इस सवाल का जवाब दिया। केंद्र का कहना है कि अब तक व्हाट्सएप या उसकी पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) की तरफ से इस संबंध में कुछ नहीं कहा गया है। बता दें कि इससे पहले व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को बताया था कि अगर सरकार की तरफ से उसे मैसेज का एन्ड-टू-एन्डएन्क्रिप्शन (End to End Encryption) तोड़ने के लिए कहा गया, तो भारत में काम करना बंद कर देगा। भारत के IT मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने पुष्टि की है कि व्हाट्सएप या इसकी मूल कंपनी मेटा की भारत में अपनी सेवाएं बंद करने की कोई योजना नहीं है। आईटी मिनिस्ट अश्विनी वैष्णव का यह जवाब कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के उस सवाल के जवाब में आया हैं, जिसमें तन्खा ने आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत वॉट्सऐप से यूजर डिटेल लेने और उसके भारत में बंद होने को लेकर सवाल पूछा था।

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क्या है सरकार और वॉट्सऐप के बीच विवाद?​
सरकार ने खुद पर लगने वाले आरोप के बीच कहा कि वो सोशल मीडिया पर कोई कंट्रोल नहीं करना चाहती है। ऐसी उनकी कोई मंशा नहीं है। हालांकि केंद्र सरकार राष्ट्र की एकता और संप्रभूता के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहती है। सरकार और वॉट्सऐप के बीच विवाद नया नहीं है। इस साल की शुरुआत में वॉट्सऐप ने दिल्ली कोर्ट से कहा था कि वो भारत में काम करना बंद कर देगा, अगर उन पर सरकार की ओर से एन्क्रिप्शन बेस्ड मैसेज को तोड़ने का दवाब डाला जाता है।
कोर्ट में किया गया चैलेंज
इससे पहले वॉट्सऐप की ओर से सरकार के नए संशोधित आईटी एक्ट को कोर्ट में चैलेंज किया गया था। वॉट्सऐप का कहना था कि आईटी एक्ट के नए नियम यूजर्स की प्राइवेसी के साथ समझौता करते हैं, जो असंवैधानिक है। वॉट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि एंड टू एंड एन्क्रिप्शन यूजर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा करता है। इसमें मैसेज भेजने और मैसेज रिसीव करने वाले के अलावा कोई दूसरा मैसेज को नहीं पढ़ सकता है।

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