BJP-कांग्रेस शासनकाल में हुई विधानसभा बैकडोर भर्ती क्या होंगी निरस्त? जानें CM धामी का प्लान..

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What will be the assembly backdoor recruitment canceled. Hillvani News

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विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा शासनकाल में हुई बैकडोर भर्तियों का निरस्त होना तय माना जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी जल्द इस पर फैसला ले सकती हैं। विधानसभा में बिना नियम कायदों के नेताओं के करीबियों और खास लोगों को नौकरियां बांटने का मसला सुर्खियों में है। भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में हुई इन बैकडोर भर्तियों को लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। भाजपा सरकार में पार्टी और संघ नेताओं के करीबियों के नामों का खुलासा होने के बाद पार्टी काफी असहज है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी पहले ही बैकडोर भर्तियों को लेकर अपने तेवर दिखा चुके हैं। मुख्यमंत्री धामी स्पीकर को पत्र लिखकर धांधली वाली भर्तियों को निरस्त करने की भी सिफारिश कर चुके हैं। उधर भाजपा हाईकमान भी बैकडोर भर्तियों को लेकर खासा नाराज है और सरकार और स्पीकर दोनों को अपनी मंशा बता चुका है। नौकरी पाने वाले ज्यादातर दिग्गज नेताओं के रिश्तेदार और करीबी होने से हाईकमान भी हैरत में है।

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विधानसभा की बैकडोर भर्तियां होंगी निरस्त
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई बैकडोर भर्तियां निरस्त करने का सरकार मन बना चुकी। इस बाबत कानूनी राय भी ली जा रही है। दरअसल दोनों सरकारों के कार्यकाल में की भर्तियों में लगे ज्यादातर कर्मचारी अभी तदर्थ रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में कानूनी दांवपेच का झंझट भी कम होगा। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी भी दोनों भर्तियों को निरस्त करने के पक्ष में हैं। स्पीकर खंडूड़ी भर्तियों को लेकर सर्वदलीय जांच टीम भी बना सकती हैं। बैकडोर भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पारदर्शिता का संकल्प लिया है, जिस पर वह पूरी तरह से अडिग है। विधानसभा में जो भी नियुक्तियां धांधली से हुई हैं, उन्हें निरस्त होना ही चाहिए। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि भर्तियों की जांच के बाबत मुख्यमंत्री का भेजा हुआ पत्र मिल चुका है। मैं अभी दिल्ली में हूं और जल्द देहरादून पहुंचूंगी। इसके बाद ही भर्तियों और जांच को लेकर फैसला लिया जाएगा।

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गोविंद सिंह कुंजवाल रख गए थे 159 कर्मचारी
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्ष 2016 में स्पीकर रहते 159 कर्मचारी भर्ती किए थे। इनमें छह रक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें पीआरडी से रखा गया। खास बात यह है कि अपने विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर के कई लोगों को उन्होंने नौकरियां दीं। उनके कार्यकाल में रखे गए काफी कर्मचारी अभी तक नियमित नहीं हो पाए हैं, जिस वजह से इनकी नौकरियों पर अब संकट खड़ा हो गया है।
प्रेमचंद अग्रवाल ने की थी 72 भर्तियां
भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ठीक पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त के पेच के चलते वेतन का संकट खड़ा हो गया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी। अब ये भर्तियां उनके गले की फांस बन चुकी हैं।

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