हम ध्यान को छोड़ धन की ओर भाग रहे हैं…
उत्तरकाशीः 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ITBP मातली एवं महीडांडा के अधिकारियों एवं जवानों में तनाव प्रबंधन पर प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र उत्तरकाशी द्वारा एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारीज अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान के विशेषज्ञ पूर्व आईएएस एवं पूर्व आयुक्त श्री सीताराम मीणा ने कहा कि तनाव का मुख्य कारणों में से एक कारण है असंतुष्टता। असंतुष्टता को दूर करने के लिए हमें दूसरों पर शासन करने के बजाय स्वयं पर शासन कैसे करें इस पर अटेंशन देने की जरूरत है। राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से यह संभव है।
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कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता बीके हरीश ने कहा कि कर्म करते हुए योगी बन्ना यही भारत का प्राचीन योग है कर्मयोगी मनुष्य ही सही मायने में तनाव मुक्त है। अंत में उन्होंने सभी अधिकारियों को ब्रह्माकुमारीज के हेड क्वार्टर माउंट आबू में आने का निमंत्रण भी दिया। गढ़वाल जोन डायरेक्टर बीके मेहर चंद ने कहा कि भारत देश योगियों का देश रहा है जिसमें ध्यान का बड़ा महत्व है किंतु आज हम ध्यान को छोड़ धन की ओर भाग रहे हैं। इसलिए इनके बीच संतुलन बनाने के लिए राजयोग जीवन शैली को अपनाने की जरूरत है।
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इस अवसर पर राजयोग प्रशिक्षिका बीके सुमन ने समस्त श्रोताओं को राजयोग ध्यान का अभ्यास करवाया। इस अवसर पर गढ़वाल मंडल डायरेक्टर बीके मेहर चंद ,बीके नीलम बहन जी, बी के प्रेरणा बहन जी, कमांडेंट 35वीं सेना वाहिनी अशोक, सूबेदार मेजर गजेंद्र बिष्ट आदि उपस्थित थे।