विधानसभा बैकडोर भर्तीः HC के ऑर्डर के बाद क्या होगा सरकार का प्लान, विस. अध्यक्ष के सामने यह चुनौती..
विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों को लेकर आए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब एक बार फिर विधानसभा की नियुक्तियों पर चर्चा शुरू हो गई है। बर्खास्त कर्मचारियों को इस फैसले से जहां बड़ी राहत मिल गई है वहीं विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी के सामने अब अपने फैसले को सही साबित करने की चुनौती बढ़ गई है। विदित है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में धांधली सामने आने के बाद विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों पर भी सवाल खड़े हो गए थे। पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और गोविंद सिंह कुंजवाल के समय हुई नियुक्तियों के मामले ने तूल पकड़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भर्तियों की जांच के लिए समिति का गठन कर दिया था। रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में गठित समिति ने विधानसभा के दस्तावेजों की जांच करने के बाद वहां हुई सभी भर्तियों को पूरी तरह गलत और अवैध पाया था।
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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी का कहना है कि सोमवार को कोर्ट का ऑर्डर मिलने के बाद उसका अध्ययन किया जाएगा और उसके बाद ही आगे के कदम को लेकर निर्णय लिया जाएगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थी। इनमें 228 तदर्थ और 22 उपनल के माध्यम से हुईं नियुक्तियां शामिल हैं। उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई थी। जांच के लिए बनी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट दे थी। इस रिपोर्ट की सिफारिश के आधार 2016 की जो 150 भर्तियां रद्द की गई हैं, वह कांग्रेस सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यकाल में हुई थीं। 2020 की छह, 2021 की 72 तदर्थ व 22 उपनल की भर्तियां भाजपा सरकार में विस अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई नियुक्तियां रद्द की गई थी।
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