क्या हाकम गैंग ही है दरोगा भर्ती घोटाले का सूत्रधार? खुले कई राज, जल्द कई दरोगाओं पर गिरेगी गाज..
उत्तराखंड में वर्ष 2015 दरोगा भर्ती मामले में विजिलेंस की ओर से पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। पहली कार्रवाई में यह परीक्षा कराने के लिए अधिकृत किये गए संस्थान के कुछ कार्मिकों और नकल सिंडिकेट आरोपियों को नामजद किया गया है, लेकिन विजिलेंस के पास भर्ती हुए उन लोगों की सूची भी है, जो नियम-कायदे ताक पर रखकर पुलिस विभाग में दरोगा की नौकरी पा गए। विजिलेंस की ओर से पहले चरण में अधिकृत संस्थान के दो कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जबकि नकल सिंडिकेट के 10 लोगों को भी इनके साथ मुकदमे में नामजद किया गया है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस के पास 2015 में भर्ती हुए 30 से 35 एसआई के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। विजिलेंस जांच में सामने आया है कि ये अभ्यर्थी अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर भर्ती होने में सफल हुए थे। इसके अलावा करीब 10 नाम ऐसे हैं, जो अपने नाते-रिश्तेदारों की पहुंच से एसआई बनने में कामयाब हुए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसटीएफ जांच में पाया गया है कि कई अभ्यर्थियों को एसआई पद पर भर्ती कराने में हाकम सिंह, सादिक मूसा, चंदन मनराल आदि का हाथ रहा। विजिलेंस की ओर से भर्ती की जांच के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। जल्द ही फर्जी तरीके से भर्ती हुए एसआई के नाम भी सामने आने की उम्मीद है।
पुख्ता सबूत जुटा रही विजिलेंस
दरोगा भर्ती में अनुचित साधनों से एसआई पद पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विजिलेंस जल्दबाजी के मूड में नहीं है। फिलहाल विजिलेंस ने अभी 12 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। अनुचित रूप में भर्ती होने में सफल रहने वाले दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई से पहले विजिलेंस पुख्ता सबूत जुटा लेना चाहती है, जिससे भविष्य में आरोपी को बचने का मौका न मिल सके। इसके अलावा विजिलेंस भर्ती घोटाले में शामिल कुछ सफेदपोश भी विजिलेंस की जांच के दायरे में हैं।
जसपुर से जुड़ रहे हैं दरोगा भर्ती के तार
यूकेएसएसएससी भर्ती के बाद अब दरोगा भर्ती में भी जसपुर लिंक सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि दरोगा भर्ती में भी जसपुर के कुछ लोगों की संलिप्तता हो सकती है। वर्ष 2015 में हुई दरोगा भर्ती में अकेले जसपुर से ही 20 अभ्यर्थियों के दरोगा पद पर चयनित होने से जसपुर चर्चा में है। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने जसपुर के एक पैरामेडिकल कॉलेज के मालिक संदीप शर्मा को गिरफ्तार किया था। अब दरोगा भर्ती में भी एक ही क्षेत्र से इतनी संख्या में सफल अभ्यर्थियों के नाम सामने आने पर जसपुर फिर चर्चा में है। बताया जा रहा है कि 2015 में हुई दरोगा भर्ती में चयनित होने वाले 20 अभ्यर्थी जसपुर से ही थे। इतनी बड़ी संख्या में एक ही क्षेत्र से दरोगाओं की भर्ती होना जांच एजेंसी का ध्यान इस ओर खींच रहा है।
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यूएसनगर में तैनात हैं सबसे अधिक दरोगा
वर्ष 2015 दरोगा भर्ती में चयनित दरोगा वर्तमान में अपने-अपने तैनाती स्थल में कार्यरत हैं। सबसे अधिक 46 एसआई ऊधमसिंह नगर जिले में तैनात हैं, नैनीताल जिले में 38 को तैनाती मिली है। पिथौरागढ़ में 15, चम्पावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा में सात-सात एसआई तैनात हैं।
कुमाऊं में 129, गढ़वाल में बने थे 210 एसआई
वर्ष 2015 में हुई दरोगा भर्ती में कुल 339 एसआई चयनित किये गए थे। इनमें से 210 गढ़वाल और 129 कुमाऊं के शामिल थे। इसके बाद कई दरोगा इधर से उधर भी हुए। वर्तमान में वर्ष 2015 की भर्ती के 120 दरोगा कुमाऊं में तैनात हैं, जबकि 219 गढ़वाल मंडल में सेवा दे रहे हैं।
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दरोगा भर्ती घोटाले का सूत्रधार भी हाकम गैंग!
यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के बाद दरोगा भर्ती मामले में भी हाकम सिंह को सूत्रधार माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 की दरोगा भर्ती में भी हाकम सिंह और साथियों की भूमिका रही। विजिलेंस की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे में जीबी पंत विवि के कार्मिकों नरेंद्र सिंह जादौन, दिनेश चंद्र जोशी के अलावा नकल सिंडिकेट में शामिल हाकम सिंह, चंदन मनराल, केंद्र पाल, सादिक मूसा, रूपेश जायसवाल, राजेश कुमार चौहान, संजीव कुमार चौहान, राजेश पाल, विपिन बिहारी, नीतीश गुप्ता के नाम हैं। इनमें से हाकम सिंह और सादिक मूसा सबसे चर्चित नाम हैं, जिन्हें यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले का सूत्रधार माना जाता है। बताया जा रहा है कि दरोगा भर्ती में भी इन दोनों की भूमिका रही। इसके अलावा यूकेएसएसएससी परीक्षा में आरोपी बनाए गए जीबी पंत विवि के रिटायर कार्मिक दिनेश चंद्र जोशी की भी दरोगा भर्ती परीक्षा में भूमिका बताई जा रही है। साथ ही केंद्र पाल, चंदन मनराल और विपिन बिहारी का नाम दोनों भर्तियों के घोटाले में सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि यूकेएसएसएससी भर्ती की तरह ही दरोगा भर्ती के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया। इसमें छह आरोपी जेल में बताए जा रहे हैं।
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