उत्तराखंड में राज्य स्थापना दिवस से पहले लागू हो जाएगा Uniform Civil Code- सीएम धामी
देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली लाल किले से अपने संबोधन में सेकुलर सिविल कोड का जिक्र किया। इसके बाद से ही सेकुलर सिविल कोड शब्द को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। इसी कड़ी में उत्तराखंड में राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर से पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने की संभावना जताई जा रही है। देशभर में चर्चाओं का विषय बना सेकुलर सिविल कोड के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेकुलर सिविल कोड के साथ ही भारत के संविधान का भी जिक्र किया और सेक्युलर सिविल कोड कानून व्यवस्था लागू किए जाने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन का स्वागत किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी समय-समय पर सरकारों को इस बाबत निर्देशित किया है कि देश में समान नागरिक संहिता लागू होना चाहिए। देश की ये मूल भावना है, क्योंकि जब देश के संविधान निर्माता संविधान बना रहे थे उस दौरान संविधान में इसका उल्लेख किया गया था कि देश के अंदर समान नागरिक संहिता होनी चाहिए।
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सीएम धामी ने कहा की उन्हें गर्व है कि उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार हो गया है। जिसका विधेयक पारित करने के साथ ही राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है। ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने और नियम तैयार करने के लिए रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी गठित की गई है, जो अपना काम कर रही है। सीएम धामी ने कहा राज्य सरकार ने यह संकल्प लिया है कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस से पहले प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर दिया जाएगा। सीएम धामी ने कहा देवभूमि उत्तराखंड में यूसीसी जब लागू होगा तो वो पूरे देश में एक नजीर पेश करेगा और ये हर राज्य के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर न्यायिक व्यवस्था ,तुष्टिकरण पैदा करती रही है। सीएम धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा है कि देश को धर्म निरपेक्ष कानून व्यवस्था की जरूरत है और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने बार बार राज्य सरकार को केंद्र सरकार को कहा है। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी से देश की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा होने जा रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी इसे इंप्लीमेंट करने के लिए विभागवार कार्य योजना तैयार कर चुकी है। जल्दी ही इसकी समीक्षा बैठक भी की जायेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू कर देंगे।
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