उत्तराखंडः सरकारी नौकरी के लिए क्या युवाओं को करना होगा अभी इंतजार?
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा विवाद के चलते उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का कामकाज बेपटरी हो गया है। इस कारण फिलहाल कोई नई भर्ती जल्द शुरू होने के आसार नहीं है। जनवरी में आचार संहिता लगने के बाद से अब तक आयोग की एक भी भर्ती नहीं आई है। इस कारण साल 2022 भर्तियों के लिहाज से सूखा बीत सकता है। गत आठ जनवरी को विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले, आयोग ने पुलिस सहित कई विभागों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन तब से सात महीने बीतने के बावजूद एक भी नई भर्ती नहीं हुई है।
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इस बीच विभिन्न विभागों में सहायक लेखाकार,व्यैक्तिक सहायक,कनिष्ठ सहायक के करीब सात सौ रिक्त पदों का अधियाचन आयोग को मिल चुका है। लेकिन इससे पहले कि आयोग इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करता, वह खुद स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा विवाद में घिर गया है। इसके चलते आयोग अध्यक्ष एस.राजू को इस्तीफा देना पड़ा। चूंकि अध्यक्ष, आयोग में विभागध्यक्ष भी होता है, इसलिए नई भर्ती शुरू करने के लिए विभागाध्यक्ष की अनुमति जरूरी है। ऐसे में नए अध्यक्ष के आने के बाद ही नई भर्ती शुरू हो पाएगी। आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद भी रिक्त है, जबकि सचिव की प्रतिनियुक्ति भी अगले माह पूरी हो रही है।
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इस तरह आयोग की नई टीम बनने और इसके कामकाज को पूरी तरह समझने के बाद ही नई भर्ती हो पाएगी। इधर, आयोग को तकनीकी सहायता देने वाली कंपनी और प्रिंटिंग प्रेस भी बैन हो चुकी है। ऐसे में आयोग का काम पूरी तरह पटरी पर आने में दो से तीन माह लग सकते हैं और उसके बाद ही नई भर्ती आ पाएगी। आयोग में इन दिनों सचिवालय सेवा, इंटरमीडिएट स्तर जैसी भर्ती परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों के कागजों का सत्यापन लंबित है। लेकिन इस समय आयोग का फोकस जांच पर है। एसआईटी लगभग रोज ही आयोग से कोई न कोई जानकारी ले रही है। इस से अन्य सभी काम लंबित चल रहे हैं।
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