UKSSSC भर्ती परीक्षा घपले की आंच पुलिस तक पहुंची, पुलिस अधिकारी का गनर चढा STF के हत्थे..
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा (वीपीडीओ) की भर्ती में हुए घपले की जांच की आंच पुलिस तक पहुंच गई। एसटीएफ से मिले इनपुट पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के गनर से पूछताछ शुरू कर दी गई है। हालांकि, वरिष्ठ अफसर कुछ भी बताने से बच रहे हैं। भर्ती में पेपर लीक के खुलासे के बाद एसटीएफ जांच कर रही है। एसटीएफ ने पांच दिन पहले पेपर लीक करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को पकड़ा था। इनमें दो आरोपी मनोज जोशी और गौरव नेगी यूएसनगर के हैं। जिस पुलिसकर्मी से पूछताछ हुई, वह गनर है और उसकी पत्नी का भी वीपीडीओ पद पर चयन हुआ है।
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माना जा रहा कि एसटीएफ शनिवार को इसका खुलासा कर सकती है। इधर, एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि भर्ती घपले में कई लोगों से लगातार पूछताछ की जा रही है। जिस भी व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है, उससे हम पूछताछ कर रहे हैं। सितारगंज में मनोज के घर एसटीएफ की एक टीम गुरुवार देर रात पहुंची। आरोपी मनोज जोशी के घर पर जांच की। मनोज से जुड़ी कुछ जगहों से भी सीसीटीवी फुटेज लिए गए हैं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र से छह अभ्यर्थी जांच टीम के शक के दायरे में हैं।
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आपको बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामले में एसटीएफ को बीते रोज एक और सफलता मिली है। इस बार 36 लाख रुपये में पेपर खरीदकर हल करने वाले एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने कुछ अभ्यर्थियों को देहरादून बुलाकर उन्हें प्रश्नों के उत्तर मुहैया कराए थे। इनमें से एक खुद भी परीक्षा में शामिल हुआ और 573वीं रैंक हासिल की थी। इस मामले में एसटीएफ अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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गूगल सर्च हिस्ट्री से भी हुई पुष्टि
एसटीएफ ने दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबरों की भी जांच की। इसके बाद इनकी इंटरनेट सर्च हिस्ट्री चेक की गई। पता चला कि दोनों ने परीक्षा से एक दिन पहले सभी प्रश्नों के उत्तर गूगल पर सर्च किए थे। इसकी तस्दीक होने से आरोपियों के खिलाफ मजबूत साक्ष्य भी मिल गए। आरोपियों को अभ्यर्थियों से कितने रुपये मिले थे, इसकी जांच की जा रही है।
उपनल कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं दोनों
पकड़े गए आरोपी भावेश जगूड़ी और दीपक चौहान उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से भावेश वर्ष 2014 से 2017 और दीपक वर्ष 2017 से 2020 के बीच संगठन के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। वर्तमान में वे उपनल के माध्यम से एचएनबी यूनिवर्सिटी के वित्त एवं सामान्य प्रशासन विभाग में कार्यरत हैं।
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