Tuni Agnikand: जल रहे थे मासूम.. हर कोई आया बेबस नजर.. बच सकती थी जानें, सवालों के घेरे में फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली..
उत्तराखंड के देहरादून त्यूनी में हुए भीषण अग्निकांड में बृहस्पतिवार को चार मासूम जल कर राख हो गए। परिजनों को उनके शव तक नसीब नहीं हुए। आग का मंजर बेहद खौफनाक था। स्थिति यह थी कि कोई भी आग की लपटों में घिरे मासूमों को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हर कोई भीषण आग के आगे बेबस नजर आया। बच्चों को न बचा पाने का दर्द स्थानीय लोगों की आंखों में साफ दिखाई दिया। शाम करीब चार बजे अचानक तेज धमाके के साथ मकान में आग भड़क गई। पहले धमाके की आवाज करीब 200 मीटर तक सुनाई दी। आशंका जताई जा रही है कि यह धमका घरेलू गैस सिलिंडर फटने के कारण हुआ, जिसकी वजह से चंद मिनटों में मकान के सबसे ऊपर की मंजिल भीषण आग की चपेट में आ गई। देखते ही देखते दूसरा धमका हो गया। इससे पहले की लोग मदद करने की हिम्मत जुटाते तीसरा धमका भी हो गया। चौथे धमाके के साथ पूरा त्यूनी बाजार दहल गया। हर कोई धमाकों की आवाज सुनकर घटना स्थल की ओर दौड़ पड़ा। आग की लपटों की तपिश इतनी तेज थी कि कई मीटर दूर तक तक गर्मी का एहसास करा रही थी।
लोगों ने आग बुझाने के लिए आसपास की पाइप लाइनों तक को तोड़ डाला, ताकि आग को बुझा सके, लेकिन भीषण आग के आगे उनकी एक न चली। सभी धूं-धूं कर जलते घरों को बेबस देखते नजर आए। स्थानीय लोगों ने टौंस नदी के रास्ते घर तक पहुंचने की भी कोशिश की, लेकिन तेज लपटों के चलते वे घर तक नहीं पहुंच पाए। जेसीबी की मदद से भी मकान के ऊपर के हिस्से को तोड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन तपिश और धमाकों के चलते जेसीबी ऑपरेटर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सके। देखते ही देखते लोगों की आंखों के सामने तीन मंजिला लकड़ी का मकान राख के ढेर में तब्दील होकर जमींदोज हो गया। आग लगने की घटना में सबसे बड़ी कमी फायर ब्रिगेड की कार्यप्रणाली में दिखाई दी। आग लगने वाले स्थान से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर अग्निशमन वाहन मौजूद था, जो सूचना मिलने के ठीक बीस मिनट में मौके पर पहुंच गया। लेकिन जैसे ही मकान पर पानी डालने की कार्रवाई शुरू की गई, वाहन में पानी खत्म हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तब तक मकान के सिर्फ एक कमरे में आग लगी थी। उनका दावा है कि यदि वाहन में पानी का पर्याप्त इंतजाम होता तो आग को तुरंत बुझा लिया जाता। अग्निशमन वाहन में पानी समाप्त हो जाने के कारण फायरकर्मी वाहन को पानी भरने के लिए लेकर चले गए। घटनास्थल से छह किलोमीटर दूर कठंग नामक स्थान से फायरकर्मी लगभग डेढ़ घंटे बाद पानी लेकर पहुंचे लेकिन तब तक मकान पूरी तरह आग पकड़ चुका था। मकान में मकान मालिक समेत छह परिवार रहते थे। आग लगने से घर में मौजूद एलपीजी सिलिंडर फटते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक चार सिलिंडर के फटने की आवाज उन्होंने इस दौरान सुनी। मकान के निचले हिस्से में एक राशन का गोदाम, एक फर्नीचर की दुकान व एक सिलाई की दुकान थी। आग लगने की घटना में गोदाम व दोनों दुकानें और उनमें रखा सारा सामान भी जलकर राख हो गया।
इनकी हुई मौत
1- गुंजन (10) पुत्री त्रिलोक निवासी जाकटा, त्यूनी
2- रिद्धी (10) पुत्री जयलाल निवासी बिकताड़, हिमाचल प्रदेश
3- अदिरा उर्फ मिष्ठी (6) पुत्री विक्की चौहान निवासी पटाला, त्यूनी
4- सेजल (3) पुत्री विक्की चौहान निवासी पटाला, त्यूनी