राजकीय महाविद्यालय पौखाल में श्रीदेव सुमन जी की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

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Tributes paid on the death anniversary of Shridev Suman.

राजकीय महाविद्यालय पौखाल टिहरी गढ़वाल में आज श्रीदेव सुमन जी की पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष की भाँति  “सुमन दिवस” के रूप में वृक्षारोपण कर तथा श्रीदेव सुमन जी के बलिदानों को याद कर मनाया गया। महाविद्यालय के एन. एस. एस. प्रभारी डॉ. संदीप कुमार जी के मार्गदर्शन में सर्वप्रथम सफ़ाई अभियान चलाया गया। जिसके अंतर्गत महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने महाविद्यालय में क्यारियों की सफ़ाई की तथा अनावश्यक घास एवं खरपतवार निकाली गई। जिसके पश्चात महाविद्यालय परिसर में फूलों के विभिन्न पौधों को लगाकर पौधारोपण किया गया। तत्पश्चात श्रीदेव सुमन जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। तथा श्रीदेव सुमन जी की जीवनी पर प्रकाश डाला एवं उनके बलिदान को याद किया।

डॉ. संदीप कुमार ने बताया कि किस प्रकार टिहरी के नरेश, की राजशाही को खुद का बलिदान देकर सदैव के लिए समाप्त करने वाले श्री देव सुमन ( मूल नाम श्री दत्त बडोनी) को झूठे मामलो में जेल में बंद कर दिया तथा उन पर अत्याचार किये। जेल के अंदर उनके साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया जाता। बार-बार कहने पर भी उनकी टिहरी के राजा के साथ सुनवाई न होने के कारण उन्होंने जेल में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस बात से बोखलाए शासन ने बहुत कोशिश की उनका अनशन तोड़ने की लेकिन नकामयाब रहे, इसलिए जेल के बाहर खबर फैला दी गयी की सुमन जी ने अनशन तोड़ दिया है। 84 दिन के कठिन उपवास के बाद आख़िरकार 25 जुलाई 1944 श्री देव सुमन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जब ये खबर टिहरी की जनता तक पहुंची तो उनमे एक आक्रोश पैदा हो गया। राज्य के खिलाफ आन्दोलन छिड़ गया। जिसका असर यह हुआ की 1 अगस्त 1949 लोगों को इस प्रकार के कुशासन से आजादी मिली। तब से लेकर आजतक उनकी पुण्यतिथि 25 जुलाई को प्रतिवर्ष “सुमन दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

इसी क्रम में महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुरोध प्रभाकर ने बताया कि श्री देव सुमन जी का जन्म 25 मई 1916 को टिहरी के बमुण्ड पट्टी के जौल गांव में हुआ तथा जिन्होने मात्र 29 साल की उम्र में टिहरी रियासत की दमन कारी नीतियों के खिलाफ लड़ते हुए 84 दिन का कठिन आमरण अनशन के बाद शहादत हासिल की। ऐसे वीर पुरुष जिनके नाम से हमारे विश्विद्यालय का नाम रखा गया तथा  जिन्हें गढ़वाल के “भगत सिंह” के नाम से भी जाना जाता है उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
              
महाविद्यालय के  प्राचार्य प्रो. ए. एन. सिंह ने महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता कार्यक्रम व वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जाने पर महाविद्यालय परिवार को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। साथ ही प्राचार्य ने कहा कि हमे महाविद्यालय कैंपस को कलीन एवं ग्रीन कैम्प्स बनाये रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहना होगा। कार्यक्रम में  डॉ. संदीप कुमार, डॉ. संजीव भट्ट , डॉ. मीनाक्षी वर्मा, डॉ. अंधरूति, डॉ. अनुरोध प्रभाकर, डॉ. संतोषी कर्मचारीगण  श्री मनोज राणा, श्री राजेन्द्र सिंह, श्री राजपाल, श्री अनिल, श्री उत्तम सिंह रावत, श्री रोशन के अतिरिक्त  महाविद्यालय के बी०ए ० प्रथम वर्ष में  प्रवेश के  लिए आये छात्र-छात्राएं व अभिभावक सम्मलित रहे।

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