दो साल से रुड़की सिविल अस्पताल के तीन डॉक्टर ‘लापता’…
रुड़की: भारत में सरकारी नौकरी करने वाले को “सरकारी दामाद कहते हैं, ऐसा इसलिए भी कहा जाता है कि सरकारी नौकरी में काम करने की बजाय ज्यादातर मुफ्त की रोटियां तोड़ते हैं और सरकारी खर्चे में खूब ऐशोआराम की जिंदगी बशर करते है। कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है रुड़की के सरकारी अस्पताल का जहां करीब दो साल पहले छुट्टी पर गए तीन चिकित्सक अभी तक ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे हैं। बिडम्बना देखिये अस्पताल पहले से ही डॉक्टरों की कमी से झूज रहा था और ऊपर से तीन डॉक्टर सालों से ड्यूटी से नदारत सरकारी खर्चे पर पल रहे है।
यह भी पढ़ेंः HURRY UP: NTPC में निकली बंपर वैकेंसी, सैलरी मिलेगी 90 हजार। आवेदन भरने के कुछ दिन ही बचे हैं शेष..
यह भी पढ़ेंः अच्छी खबरः उत्तराखंड के युवाओं के लिए DSRVS ने निकाली 2659 पदों पर भर्ती। जल्द आवेदन करें…
बता दें कि रुड़की के सिविल अस्पताल के दो डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड के दौरान यात्रा सीजन में लगी थी, लेकिन दोनों डॉक्टर वहां भी नहीं पहुंचे और अस्पताल में ज्वाईनिंग भी नहीं की। वहीं एक महिला डॉक्टर दो दिन की छुट्टी का बहाना लेकर गई थीं वो आजतक लौटकर वापस नहीं आई। अस्पताल प्रबंधन ने इन लापता डॉक्टरों को कई बार नोटिस भी भेजा है लेकिन आजतक कोई जवाब नहीं आया। मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि जो डॉक्टर अपसेन्ट होते हैं उन्हें सरकारी नियम के तहत नोटिस जारी किया जाता है, लेकिन इसके वाबजूद भी यदि कोई प्रजेंट नहीं होता है तो उनकी सेवाएं समाप्त की प्रकिया के तहत उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया जाता है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के जो डॉक्टर सालों से ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं उनके आवास पर नोटिस भेजा जा चुका है।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: खूबसूरत पर्यटन गांव सारी, इस गांव के हर घर में है होमस्टे.