उत्तराखंडः ग्राम प्रधान की हुई तीसरी संतान, गंवानी पड़ी प्रधानी की कुर्सी। DM ने दिए पदमुक्त के आदेश..

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आम तौर पर किसी भी घर में बच्चा पैदा होता है तो लोग जश्न मनाते हैं। मिठाई बांटती हैं, लेकिन उत्तराखंड के लोग इस जश्न को लेकर ही दुविधा में पड़ गए हैं। खासतौर पर राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाले परिवारों के लिए इस जश्न में ही मुश्किल नजर आने लगी है। जी हां यह दुविधा और मुश्किल तीसरी संतान को लेकर है। तीसरी संतान के ही चक्कर में ही उत्तराखंड के उत्तरकाशी के एक प्रधान की प्रधानी चली गई है। तृतीय संतान के जन्म होने की पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी ने विकासखण्ड नौगांव के ग्राम पंचायत मसालगांव प्रधान खेमराज सिंह को जिला मजिस्ट्रेट उत्तरकाशी ने पद से मुक्त कर दिया है। जिला अधिकारी के द्वारा जारी उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम के विद्यमान प्राविधानों के अर्न्तगत ग्राम प्रधान मसालगांव के पद से पदमुक्त किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं।

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इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रूहेला द्वारा जारी आदेश के अनुसार खेमराज सिंह, प्रधान ग्राम पंचायत, मसालगांव विकास खण्ड नौगांव वर्ष 2019 के सामान्य निर्वाचन में प्रधान पद पर निर्वाचित हुए, निर्वाचन के समय प्रधान की 02 जीवित सन्तान थी। खण्ड विकास अधिकारी, नौगांव के पत्र दिनांक 14 सितम्बर, 2022 के द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार प्रधान खेमराज सिंह की तृतीय सन्तान के जन्म होने की पुष्टि हुई है। जिसके बाद प्रधान खेमराज सिंह को पदमुक्त किया गया। दरअसल उत्तराखंड में 2019 के पंचायत चुनावों के लिए अधिसूचना जारी हुई थी। जिसमें कहा गया था कि 25 जुलाई 2019 के बाद जिन उम्मीदवारों के तीन संतान होंगे, उन्हें अयोग्य घोषित किया जाएगा। इस अधिसूचना की वजह से कई लोग तो अपनी उम्मीदवारी जताने से भी चूक गए थे।

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