उत्तराखंडः छुट्टी पर घर आ रहा था जवान लेकिन तिरंगे में लिपटकर पहुंचा पार्थिव शरीर..
उत्तराखंड के बागेश्वर में उस वक्त शोक की लहर दौड़ पड़ी जब सेना में तैनात जवान का शव तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा। घर में बच्चे पिता के आने का इंतजार कर रहे थे तो वहीं मां को बेटे का इंतजार था। पत्नि को पति के लौटने से खुश थी। लेकिन रास्ते से घर में एक बुरी खबर आई। घर लौटते समय जवान की ट्रेन से गिरने से मौत हो गई। बुधवार को सीआरपीएफ 20 बटालियन के दिवंगत जवान को बुधवार को सरयू-गोमती संगम पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अल्मोड़ा जिले के बड़सीला, चनौदा गांव निवासी कैलाश सिंह भंडारी (उम्र 40 वर्ष) सीआरपीएफ में तैनात थे। वह झारखंड में तैनात थे और घर वापसी के दौरान रेल से गिरने से उनका आसमायिक निधन हो गया था। बताया जा रहा है कि वह अवकाश पर घर आते समय 11 जुलाई को मुजफ्फरपुर, बिहार में ट्रेन से गिरकर उनकी मृत्यु हो गई थी। पार्थिव देह वहां से दिल्ली होते हुए काठगोदाम पहुंचाई गई। सेना के जवान मंगलवार की शाम तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे। बेटे को तिरंगा लिपटा देख बुजुर्ग माता-पिता बेसुध हो गए। तो वहीं पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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बताया जा रहा है कि पुलिस और सीआरपीएफ काठगोदाम की टुकड़ी ने उन्हें सलामी और पुष्पचक्र अर्पित किए। उनके निधन पर सोमेश्वर घाटी में शोक की लहर दौड़ गई है। जवान को अंतिम विदाई देने जन सैलाब उमड़ पड़ा। जवान अपने पीछे बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी विमला देवी, बेटा अमित और बेटी चांदनी को रोता-बिलखता छोड़ गए हैं। बुधवार को सरयू-गोमती संगम पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
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