Government Teachers Association is preparing for a big movement

Teachers retiring without promotion : शिक्षा विभाग में शिक्षक 35 से 40 साल की सेवा के बाद बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग के समय पर वरिष्ठता तय न कर पाने से यह स्थिति बनी है, जबकि नियम पूरे सेवाकाल में कम से कम तीन पदोन्नतियों का है। इस साल 31 मार्च को सैकड़ों शिक्षक एक ही पद से सेवानिवृत्त हो गए।

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तीन साल में तीन हजार से अधिक शिक्षक बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो चुके | Teachers retiring without promotion

शिक्षक ओपी कोटनाला के मुताबिक, ट्रिब्यूनल ने सरकार को शिक्षकों के वरिष्ठता विवाद के निपटारे के आदेश दिए थे, लेकिन विभाग मामले को सुलझा नहीं पाया। उन्होंने बताया, वह पिछले 35 साल से एक ही पद पर हैं। शिक्षक सुनील गैरोला बताते हैं कि 1988 में सहायक अध्यापक एलटी के पद पर नियुक्ति मिली थी। तब से इसी पद पर हूं।

राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राजपूत के मुताबिक पिछले तीन साल में तीन हजार से अधिक शिक्षक बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नियमानुसार शिक्षक और कर्मचारी को पूरे सेवाकाल में कम से कम तीन पदोन्नति मिलनी चाहिए, लेकिन शिक्षा विभाग में ऐसा नहीं हो पा रहा है। विभाग की ओर से शिक्षकों की वरिष्ठता तय न करने की वजह ये यह स्थिति बनी है। शिक्षकों को समय पर पदोन्नति न मिलने से शिक्षकों के उत्साह में कमी आती है।

कोर्ट में है शिक्षकों की वरिष्ठता का मामला | Teachers retiring without promotion

वहीं राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्युली बताते हैं कि शिक्षकों की समय पर वरिष्ठता तय नहीं हुई। जिससे मजबूर होकर शिक्षकों को इसके खिलाफ कोर्ट जाना पड़ा। संगठन की ओर से प्रयास किया जा रहा कि शिक्षकों के वरिष्ठता के इस मसले का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए।

माध्यमिक शिक्षा के निदेशक महावीर सिंह बिष्ट का कहना है कि शिक्षकों की वरिष्ठता का मामला कोर्ट में है। विभाग शिक्षकों की अनंतिम और अंतिम दोनों वरिष्ठता कोर्ट में दाखिल कर चुका है। अगल माह 24 मई को मामले की कोर्ट में सुनवाई होगी।

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