Uttarakhand HC की तल्ख टिप्पणी- ध्यान नहीं दिया तो नैनीताल हो सकता है अगला जोशीमठ..
उत्तराखंड का मनोरम पर्यटन स्थल नैनीताल अगला जोशीमठ हो सकता है। हम आपको डरा नहीं रहे हैं बल्कि नैनीताल हाई कोर्ट की उस टिप्पणी के बारे में बता रहे हैं, जो शहर में बढ़ते वाहनों की अनियंत्रित संख्या की गंभीरता को लेकर टेंशन बढ़ा देता है। शहर में पर्यटकों की बढ़ती अनियंत्रित भीड़ को स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर इस समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया जाता है तो स्थिति और खराब हो सकती है। नैनीताल अगला जोशीमठ बन सकता है। कोर्ट का इशारा बद्रीनाथ के पास स्थिति जोशीमठ शहर की ओर था, जहां हाल ही में बड़े पैमाने पर निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की वजह से तमाम घरों में दरारें दिखाई देनी शुरू हो गई थीं। इस वजह से वहां के लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था और राहत शिविरों में रुकना पड़ा था।
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मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने बुधवार और गुरुवार को 2 दिन की अवधि में एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रैफिक मैनेजमेंट में प्रशासन की लापरवाही ने लोगों के लिए शहर में अराजकता और मुश्किलें पैदा की हैं। पीठ ने आगे कहा कि शहर में काफी संख्या में गाड़ियों के प्रवेश ने, खासतौर पर वीकेंड के दौरान, नैनीताल के यातायात की समस्याओं का बढ़ा दिया है। कोर्ट ने सुझाव दिया कि इसे नियंत्रित करने के प्रशासन को चाहिए कि वह पर्यटकों को निजी वाहनों को न लाने के लिए हतोत्साहित करे और इसकी बजाय कस्बे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं बढ़ाई जाएं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई की तारीख दी है और राज्य सरकार से उनकी सिफारिशें तलब की हैं। कोर्ट की इस गंभीर टिप्पणी के बाद सुनवाई के दौरान मौजूद नैनीताल सर्कल अधिकारी (सीओ) विभा दीक्षित ने अदालत को आश्वासन दिया कि शहर में यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।
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यातायात पुलिस ट्रैफिक को आसानी से चलाने में नाकाम
बता दें कि दाखिल की गई याचिका में जाम की समस्या पर जोर दिया गया। इसमें कहा गया कि सीजन के दौरान हजारों पर्यटक अपने वाहनों और टैक्सी से यहां आते हैं, जो जाम का मुख्य कारण हैं। उच्च न्यायालय की तरफ से समय समय पर जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक सुधारने के लिए निर्देश जारी हुए हैं, परंतु समस्या का हल आज तक नहीं निकला। यातायात पुलिस ट्रैफिक को आसानी से चलाने में नाकाम साबित हुई है । जिससे स्कूली बच्चों, कार्यालय कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को समय पर पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही है।
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ट्रैफिक जाम का ये है कारण
इसके साथ ही साथ पार्किंग की उचित व्यवस्था न होने के कारण होटल व्यवसायी भी पर्यटकों की गाड़ियों को सड़क पर ही पार्क करवा रहे है। कई बार एम्ब्युलेंस समेत मरीजों भी ट्रैफिक जाम का शिकार हुई हैं। कालाढूंगी, भवाली और हल्द्वानी से आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग नही हो रही है। जिससे जाम के हालात पैदा होते हैं और पुलिस खुद मूकदर्शक बनी रहती है। इस याचिका में अपील की गई है कि इंडिया होटल के पास जू शटल सेवा लगी रहती है जिसकी वजह से और जाम लग जाता है। उसे भी आगे शिफ्ट किया जाए।
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