उत्तराखंड में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन, अब लगेगा भारी जुर्माना। पढ़ें गाइडलाइन

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Single use plastic ban in Uttarakhand from July 1.Hillvani News

Single use plastic ban in Uttarakhand from July 1.Hillvani News

देहरादूनः प्लास्टिक और पालीथिन पर्यावरण के लिए बड़ा संकट बन रही है। कूड़ा-करकट में इसे जलाए जाने पर हानिकारक गैसें वातावरण में घुलकर हवा को जहरीला बनाती हैं, वहीं इधर-उधर बिखरने के बाद यह जमीन की उर्वरा शक्ति को प्रभावित करती है। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर देश में पूर्ण प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। प्लास्टिक की कटलरी और सजावट के लिए थर्मोकोल का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। उत्तराखंड में भी एक जुलाई से न तो प्लास्टिक की छड़ी वाले गुब्बारे बिकेंगे और न ही ईयर बड और न ही स्ट्रॉ, चम्मच, चाकू, प्लेट बिकेंगी। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद शहरी विकास निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

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निर्देशों के तहत 13 निकायों ने प्रतिबंध से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं। दरअसल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से चार जून को शहरी विकास निदेशालय को एक पत्र आया है। इसमें कहा गया है कि 30 जून के बाद प्रदेश में 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंध की जाए। इसके तहत निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। 13 निकायों ने नोटिफिकेशन जारी भी कर दिया गया है। शहरी विकास निदेशालय अब सोमवार से प्रदेश के बाकी सभी निगम-निकायों में प्लास्टिक बैन से संबंधित नए नोटिफिकेशन जारी करने का अभियान चलाएगा।

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इन प्लास्टिक पर बैन व एक जुलाई से लगेगा जुर्माना
प्लास्टिक युक्त ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पॉली स्टाइरीन की सजावटी सामग्री पर रोक लगेगी। इसके अलावा प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, जैसी कटलरी, मिठाई के डब्बों को लपेटने वाली प्लास्टिक फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी।
चारधाम यात्रा में प्रतिबंध लगाने की चुनौती
प्रदेश में इस समय चारधाम यात्रा पूरे सुरूर पर है। देशभर से आ रहे तीर्थयात्रियों के प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की प्रक्रिया अपनाना बड़ी चुनौती बनने वाला है। हालांकि निदेशालय का कहना है कि प्रदेशभर में पहले भी 50 माइक्रोन प्लास्टिक यूज पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जिसमें 16 हजार से ज्यादा चालान में 1.5 करोड़ से ऊपर जुर्माना वसूला जा चुका है।

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निदेशक शहरी विकास ललित मोहन रयाल ने कहा कि मंत्रालय के निर्देशों के तहत सभी निकायों में एक जुलाई से 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंधित करने से संबंधित निर्देश जारी किए जा चुके हैं। 13 निकाय अपने नोटिफिकेशन जारी कर चुके हैं। एक जुलाई से प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाएगा। वहीं अनूप नौटियाल संस्थापक एसडीसी फाउंडेशन ने कहा कि निश्चित तौर पर यह सराहनीय आदेश है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें लोगों को जागरूक करना होगा। उन्हें बताना होगा कि इन प्रतिबंधित प्लास्टिक के क्या विकल्प हैं।

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आपको बता दें कि दुनिया में प्रतिवर्ष 100 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें से नष्ट न होने योग्य 25 मिलियन टन प्लास्टिक प्रतिवर्ष पर्यावरण संरक्षण के लिए समस्या बन रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण के लिए संकट बनती सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने को पिछले वर्ष 21 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी। इसके लिए चरणबद्ध कार्य योजना तैयार की गई थी। इसमें एक जुलाई से पालीस्टायरीन और विस्तारित पालीस्टायरीन के समेत सिंगल यूज प्लास्टिक को एक जुलाई से पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा।

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