ध्यान रहेः देशभर सहित उत्तराखंड में आज से सिंगल-यूज प्लास्टिक बैन, नहीं माने तो जाना पड़ेगा जेल। इन पर रहेगा प्रतिबंध..
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग चार वर्ष पहले सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का आह्वान किया था। उसी आह्वान के तहत आज से कठोर कदम उठाया जा रहा है। मालूम हो कि आज से देशभर सहित उत्तराखंड में लगभग 19 वस्तुओं के निर्माण, भंडारण, आयात, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। इन प्रतिबंधित वस्तुओं में पेय पदार्थ पीने वाला पाइप, पेय पदार्थ को घोलने वाली प्लास्टिक की पाइप, इयर बड, कैंडी, गुब्बारे, प्लास्टिक के बर्तन जैसे चम्मच, प्लेट और पैकेजिंग फिल्म समेत साज सज्जा में इस्तेमाल होने वाला थर्मोकोल आदि शामिल हैं।
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प्रतिबंध तो स्वयं नागरिक को ही लगाना चाहिए था
लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसकी वजह से अब सरकार को इस संबंध में कड़ा रुख अपनाते हुए प्रतिबंध लगाना पड़ा है। वैसे भी इस दशक के आरंभ में ही कोरोना वायरस के प्राणघाती हमले ने समूचे विश्व को सोचने पर विवश कर दिया कि अब प्रकृति के साथ दुश्मनी करके नहीं, बल्कि दोस्ती के साथ ही अपने भविष्य को संकट रहित बनाया जा सकता है। आज भारत के लगभग प्रत्येक नगर के आसपास आपको कूड़े के बड़े बड़े ढेर देखने को मिल सकते हैं। देश की राजधानी दिल्ली में तीन ऐसी जगहें हैं जहां इतना कूड़ा जमा है कि दूर से देखने पर वह किसी पहाड़ की तरह लगता है। ये कूड़े के पहाड़ हमारी वर्षों से चली आ रही कचरा निष्पादन के प्रति अनदेखी अथवा उदासीन रवैये का दुष्परिणाम है।
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सिंगल यूज प्लास्टिक की इन चीजों पर लगा बैन
1: प्लास्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले), 2: प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, 3: गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक, 4: प्लास्टिक के झंडे, 5: कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, 6: थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन), 7: प्लास्टिक की प्लेट, 8: प्लास्टिक के कप, 9: प्लास्टिक के गिलास, 10: कांटे, 11: चम्मच,12: चाकू, 13: स्ट्रॉ, 14: ट्रे, 15: मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म, 16: इन्विटेशन कार्ड, 17: सिगरेट के पैकेट, 18: 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, 19: स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज)
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सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर जेल और जुर्माना दोनों शामिल
मंत्रालय की तरफ से साफ बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक अगर कोई इस्तेमाल करता पाया गया तो उसको दंड मिलेगा। इसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं। बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (ईपीए) के सेक्शन 15 के तहत एक्शन होगा। प्रदेश सरकारें इस बात पर कड़ी नजर रखेंगी कि सिंगल यूज प्लास्टिक को कहीं पर अवैध रूप से बनाया, इंपोर्ट, जमा, बेचा या इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा। फिलहाल FMCG सेक्टर को इस बैन से छूट मिली है। लेकिन पैकिंग के लिए इस्तेमाल प्लास्टिक पर्यावरण के हिसाब से ठीक है, इसका ध्यान रखना होगा।
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हर व्यक्ति हर साल 18 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा
भारत की बात करें तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक सर्वे बताता है कि देश में हर दिन 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जिसमें से सिर्फ 60% को ही इकट्ठा किया जाता है। बाकी कचरा नदी-नालों में मिल जाता है या पड़ा रहता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक भारत में हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक पैदा होता है। इस हिसाब से हर व्यक्ति हर साल 18 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा पैदा करता है।
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देहरादून में प्रचार प्रसार से दी जाएगी चेतावनी
प्रदेश के साथ राजधानी में भी शुरुआत में प्रचार प्रसार के साथ चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद जुर्माना लगाया जाएगा। राजधानी के व्यापारी भी निगम के काम में सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपनी-अपनी दुकानों पर स्टीकर लगाने की बात कही है। साथ ही खुद ही प्लास्टिक में सामान न बेचने की मुहिम शुरू करने की बात कही है। देहरादून डीएम डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि लोगों को जागरूक किया जाएगा। व्यापारियों से भी अपील की जाएगी, ताकि प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद हो सके। इसके लिए लोगों को इस नियम में सजा और जुर्माने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। बताया कि यदि कोई चेतावनी के बाद भी नहीं मानता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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