6 महीने ही नहीं वर्षभर होती हैं चारों धामों की पूजा अर्चना…….शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati reached Srinagar Garhwal: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि केदारनाथ में लगे सोने की जांच अभी तक सरकार नहीं कर पाई है। एक वर्ष से अधिक समय होने पर जांच कमेटी के ओर से कोई स्पष्ट जवाब न मिलने पर भगवान केदारनाथ और आस्था के लिए सही नहीं हैं। उन्होने कहा भगवान को धोखा देने वालों का चेहरा सामने आना चाहिए। गुरूवार को बदरीनाथ के दर्शन के लिए जाते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती डालमियां धर्मशाला श्रीनगर में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि चारधामों में 6 महिने पूजा और दर्शन के लिए विश्व के लोगों ने जो धारणा बनाई है, वह गलत है। कहा कि भगवान की पूजा एक भी दिन नहीं रोकी जा सकती है।
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शीतकाल में भी होती हैं चारों धामों की पूजा-अर्चना | Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati reached Srinagar
कहा कि चारधामों की मूल जगह है वहां पर 6 महिनों में भगवान की पूजा की जाता है। उन्होने कहा कि शीतकाल में मां गंगा की पूजा मुखवा, यंमनोत्री की पूजा खरसाली, केदारनाथ जी की पूजा ऊखीमठ और बदरीनाथ जी की पूजा जोशीमठ और पाण्डुकेश्वर में होती है। उन्होने कहा कि वह शीतकाल में चारधामों में पूजा अर्चना कर लोगों की 6 महिने ही चारधाम की पूजा होती है कि धारणा को समाप्त करेंगे और लोगों को यह समझ सकेंगे शीतकाल में भी चारधाम की पूजा वैकल्पिक स्थान पर की जाती है।
धर्म के स्थान पर धर्माचारियों के नेतृत्व में किया जाय कार्य | Shankaracharya Avimukteshwaranand Saraswati reached Srinagar.
उत्तकाशी में हुई घटना पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जोशीमठ रैणी में हुई घटना के बाद सरकार चेती नहीं है जो कि दुर्भायापूर्ण है। बदरीनाथ मास्टर प्लान पर बोलते हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि धार्मिक कार्यों में सरकार को नहीं आना चाहिए। धर्म के स्थान पर जो कार्य किया जाना चाहिए ता उन्हें धर्माचारियों के नेतृत्व में किया जाना चाहिए।
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