सचिव आपदा प्रबंधन व आयुक्त गढ़वाल मंडल ने किया गौरीकुंड में प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण..
आपदा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय व विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत ने गौरीकुंड में भू-स्खलन एवं आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर भू-स्खनल से लापता/मृत हुए व्यक्तियों के सर्च एवं खोजबीन कार्यों का जायजा लिया। भू-स्खलन के कारण लापता हुए लोगों की खोजबीन कार्य को प्राथमिकता से करने के निर्देश राहत एवं बचाव कार्य में लगी टीमों को दिए। केदारनाथ यात्रा मार्ग गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप भू-स्खलन के कारण लापता एवं मृत व्यक्तियों के सर्च ऑपरेशन एवं खोजबीन कार्यों का सचिव ने जायजा लेते हुए लापता एवं मृत व्यक्तियों के प्रति दु;ख व्यक्त करते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित था किंतु खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री का आना संभव नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर दुख प्रकट करते हुए लापता एवं मृत हुए व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त की है तथा सरकार इस घटना में मृत एवं लापता व्यक्तियों के परिजनों को सरकार द्वारा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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आपदा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सर्च ऑपरेशन एवं खोजबीन कार्यों में लगे आपदा प्रबंधन की टीमों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस घटना से जो लोग लापता हैं उनकी तत्परता से खोजबीन करते हुए उनकी पहचान की जाए ताकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सहायता राशि उनके परिजनों को उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग असुरक्षित एवं संवेदनशील क्षेत्रों में हैं उन्हें उस स्थान से शीघ्र हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों के लिए सर्वे के लिए टीम भेजी जाएगी जो इसका आंकलन करते हुए जो भी उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। आयुक्त गढवाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने कहा कि भू-स्खलन के कारण जो लोग लापता हैं उनका सर्च रेस्क्यू अभियान चलाते हुए उनकी खोजबीन का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार भू-स्खलन के कारण लापता एवं मृत व्यक्तियों के परिजनों के साथ है। उन्होंने कहा कि जैसे ही मृत व्यक्तियों के शव प्राप्त कर उनकी शिनाख्त हो जाती है तो उनके परिजनों को मानक के अनुसार सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
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इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने इस आपदा से लापता/मृत व्यक्तियों के प्रति दुःख व्यक्त करते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आपदाग्रस्त क्षेत्र है तथा आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। इसके लिए उन्होंने इस क्षेत्र के लिए सरकार से विशेष पैकेज देने की भी मांग की तथा इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी प्रकार की कोई जानमाल की हानि न हो इसके लिए उचित प्रबंधन किया जाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा स्थानीय लोगों का रोजगार का साधन है तथा जिन लोगों के ढाबे हटाए जा रहे हैं उनका भी विशेष ध्यान रखा जाए। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने भू-स्खलन के कारण लापता एवं मृत व्यक्तियों के लिए किए जा रहे सर्च ऑपरेशन एवं खोजबीन कार्यों में आपदा सचिव को जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना में 20 लोग लापता हुए हैं जिनमें तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं तथा बाकी लापता व्यक्तियों का खोजबीन एवं सर्च ऑपरेशन का कार्य एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, वाईएमएफ, पुलिस एवं जिला प्रशासन की टीमों द्वारा तत्परता से किया जा रहा है।
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इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, जिलाध्यक्ष भाजपा महावीर सिंह पंवार, विकास खंड ऊखीमठ प्रमुख श्वेता पांडे, भाजपा पूर्व अध्यक्ष दिनेश उनियाल, अध्यक्ष नगर पंचायत केदारनाथ देव प्रकाश सेमवाल, विनोद देवशाली, भाजपा महिला मोर्चा जिला महामंत्री किरण शुक्ला, कुवरी बर्त्वाल, अजय सेमवाल, राय सिंह राणा, भगत कोटवाल, विपिन सेमवाल, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक विमल रावत, हर्षवर्धनी सुमन, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, नायब तहसीलदार जयकृत सिंह रावत, रजिस्टार कानूगो सतीश भटट्, राजस्व उपनिरीक्षक दिवाकर डिमरी स्थानीय जन प्रतिनिधि मौजूद थे।
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