मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र का स्मरण करने से ही लौकिक व पारलौकिक दोनों प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है- कथावाचक हरि शरण

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remembrance of Shri Ramchandra leads to the attainment of worldly and transcendental happiness.Hillvani

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ऊखीमठ। लक्ष्मण नेगीः तल्ला नागपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों के अराध्य देव भगवान तुंगनाथ की तपस्थली फलासी गाँव में श्रीराम कथा समिति, फलासी, मलांऊ, गडिल के ग्रामीणों के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आठवें दिन सैकड़ों भक्तों ने कथा श्रवण कर धर्म की गंगा में डुबकी लगाई। नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आयोजन से फलासी गाँव सहित तल्ला नागपुर क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है तथा ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं से हर प्राणी जगत मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की भक्ति में डूबा हुआ है। कल मंगलवार को पूर्णाहुति के साथ नौ दिवसीय श्रीराम कथा का समापन होगा। श्रीराम कथा के आठवें दिन हरिद्वार के प्रख्यात कथावाचक हरि शरण ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र की महिमा का गुणगान करते हुए कहा इस जगत चराचर के पग-पग ईश्वरीय शक्ति की अनुभूति होती है तथा ईश्वरीय शक्ति की अनुभूति होते ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र का स्मरण स्वत: ही हो जाता है। उन्होने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी का स्मरण करने से ही लौकिक व पारलौकिक दोनों प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

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कथावाचक हरि शरण ने आगे कहा कि इस प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों में प्रतिभाग करने मात्र से मनुष्य के जन्म – जन्मान्तरो से लेकर कल्प-कल्पान्तरो के पापों का हरण हो जाता है। परिव्राजकाचार्य स्वामी अच्युतानन्द ने कहा कि मनुष्य को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस मौके पर बाबा सन्तोष नाथ, आचार्य चिन्तामणि सेमवाल, ब्रह्म सन्दीप भटट्, अरुण प्रसाद डिमरी, मनीष गौड़, देवेन्द्र गौड़, वेद प्रकाश मिश्रा, सन्दीप शर्मा, दलवीर राणा, पूर्ण सिंह खत्री, यशवन्त सिंह नेगी, श्रीराम कथा समिति अध्यक्ष भगवती प्रसाद भटट्, दीपक भण्डारी, जीत सिंह नेगी, बलवीर बर्त्वाल, सते सिंह नेगी, नरेन्द्र सिंह नेगी, बलवीर सिंह करासी, कल्याण सिंह नेगी, चैत सिंह करासी, त्रिलोचन भटट्, भरत सिंह जगवाण, गोविन्द सिंह करासी, दलवीर सिंह करासी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, जगदीश बर्त्वाल, जीत सिंह बर्त्वाल, भूपाल सिंह नेगी, रणजीत सिंह करासी, बलवीर सिंह सजवाण, प्रदीप राणा, श्रीमती रोशनी देवी गुसाईं, उदय सिंह करासी, विनीता बुटोला सहित सैकड़ों रामभक्त मौजूद थे।

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