राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत..
President Draupadi Murmu participated on Uttarakhand State Foundation Day Program : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने आज 23वां उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर राजधानी देहरादून में पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शिरकत की। उत्तराखंड राज्य की स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू प्रदेश के मुख्य अतिथि है। उन्होंने सबसे पहले प्रदेश के लोगों को राज्य स्थापना की बधाई दी। राज्य के लिए अपनी प्राण देने वाले शहीदों को उन्होंने नमन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपनी अलग पहचान स्थापित करने और अपने विकास का रास्ता तय करने का उत्तराखंड के निवासियों का सपना आज ही के दिन पूरा हुआ था। कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि नई पहचान के साथ उत्तराखंड के परिश्रमी लोगों ने राज्य के लिए विकास और प्रगति के नित-नूतन शिखरों पर अपने कदम जमाए हैं।
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वर्गीय सुशीला बलूनी को याद किया | President Draupadi Murmu participated on Uttarakhand State Foundation Day Program
राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली व गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है। यह क्षेत्र ‘जय महा-काली’ और ‘जय बदरी-विशाल’ के पवित्र उद्घोष से गुंजायमान रहता है। हेमकुंड साहिब और नानक-मत्ता से निकले गुरबानी के स्वर यहां के वातावरण को पावन बनाते हैं।
बताया कि पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में मुझे उत्तराखंड की यात्रा करने का सुअवसर मिला था। उत्तराखंड में आने का प्रत्येक अवसर तीर्थ-यात्रा का पुण्य प्राप्त करने की तरह होता है। उत्तराखंड की इस देव-भूमि से मैं सभी देशवासियों के लिए दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड की अलग पहचान और स्थापना के लिए संघर्ष करने वाली स्वर्गीय सुशीला बलूनी को याद किया। कहा कि इस राज्य के सभी निवासी तो उन्हें याद रखेंगे ही, नारी में संघर्ष की शक्ति के उदाहरण के रूप में उन्हें सभी देशवासी सदैव स्मरण करेंगे। कहा कि सुशीला बलूनी का अदम्य साहस यहां की महिलाओं की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप था। बिशनी देवी शाह ने स्वाधीनता संग्राम के दौरान अपने असाधारण साहस का परिचय दिया था। माउंट एवरेस्ट पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली प्रथम महिला बछेन्द्री पाल और पेड़ों को बचाने के लिए युद्ध-स्तर पर संघर्ष करने वाली गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महिलाओं ने पूरे देश के लिए आदर्श प्रस्तुत किए हैं।
उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया | President Draupadi Murmu participated on Uttarakhand State Foundation Day Program
हाल ही में उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसी महिलाओं ने उत्तराखंड की संस्कृति को मजबूत बनाया है। कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को अनुमति प्रदान करते समय मुझे विशेष प्रसन्नता हुई थी क्योंकि वह अधिनियम उत्तराखंड सहित हमारे देश की बहनों और बेटियों के लिए राष्ट्र-निर्माण में उच्च-स्तरीय योगदान देने हेतु मार्ग प्रशस्त करता है
इस दौरान राष्ट्रपति के साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह शामिल रहे। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में प्रतिभा करने के बाद राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के कार्यक्रम को लेकर राजधानी देहरादून में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, कार्यक्रम को लेकर देहरादून में रूट भी डाइवर्ट किए गए हैं।
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