उत्तराखंड के इस शहर का नाम बदलने की तैयारी। ‘जसवंतगढ़’ करने का सुझाव, भेजा गया प्रस्ताव..
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में स्थित लैंसडाउन सैन्य छावनी बोर्ड ने लैंसडौन नगर का नाम बदलकर 1962 के भारत-चीन युद्ध के नायक शहीद जसवंत सिंह के नाम पर ‘जसवंतगढ़’ करने का सुझाव दिया है। छावनी बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर विजय मोहन चौधरी की अध्यक्षता में इस सप्ताह हुई बैठक में लैंसडाउन नाम बदलकर महावीर चक्र विजेता जसवंत सिंह के नाम पर जसवंतगढ़ रखने का प्रस्ताव पारित किया गया । ब्रिगेडियर विजय मोहन चौधरी ने बताया कि प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है। इससे पहले, रक्षा मंत्रालय ने प्रदेश के सैन्य क्षेत्रों के अंग्रेजों के जमाने में रखे गए नामों को बदलने के लिए छावनी बोर्ड से सुझाव देने को कहा था। हालांकि, इस प्रस्ताव में छावनी बोर्ड ने यह भी जिक्र किया है कि आम जनता लैंसडौन का नाम बदलने के विरोध में है, लेकिन अगर नाम बदलना है तो इसे जसवंतगढ़ करना ही तर्कसंगत होगा।
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132 वर्ष पहले रखा था शहर का नाम
अंग्रेजों के वक्त में 132 साल पहले तत्कालीन वायसराय के नाम पर इस नगर का नाम लैंसडौन रखा गया था। इससे पहले इस नगर का नाम ‘कालौं का डांडा’ (काले बादलों से घिरा पहाड़) था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कह चुके हैं कि प्रदेश में गुलामी की याद दिलाने वाले अंग्रेजों के वक्त के नामों को बदला जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुलामी की तस्दीक करने वाले ब्रिटिशकालीन नामों को बदलने की प्रक्रिया जारी है और प्रदेश में भी यह किया जाएगा। गौरतलब है कि पौड़ी जिले के बीखाल क्षेत्र के बड़िया गांव के रहने वाले जसवंत सिंह ने गढ़वाल राइफल्स की चौथी बटालियन में तैनाती के दौरान 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध में हिस्सा लिया था। उन्होंने अरूणाचल प्रदेश के तवांग में 17 नवंबर को चीनी सेना को 72 घंटे तक आगे बढ़ने से रोके रखा था। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
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