शहीद प्रवीण का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, उमड़ा जनसैलाब। लोगों ने नम आखों से दी अंतिम विदाई… देखें वीडियों

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People gave last farewell to martyr Praveen Singh with moist eyes. Hillvani News

People gave last farewell to martyr Praveen Singh with moist eyes. Hillvani News

टिहरी गढ़वाल: बीते दिन गुरुवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में एक बम धमाके में उत्तराखंड का एक सपूत वीरगति को प्राप्त हो गया था। जबकि दो अन्य सैन्यकर्मी घायल हो गए थे। जम्मू में शहीद हुए भिलंगना ब्लाॅक के पुंडोली गांव निवासी प्रवीण सिंह के गांव में कोहराम मच गया था। बलिदानी जवान प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके पैतृक गांव पहुंच गया है। तिरंगे में लिपटे हुए जब जवान का शव पंहुचा तो उनके अंतिम दर्शन को पूरे गांव में जन सैलाब उमड़ पड़ा। हर आंख नम हो गई। परिजन बेसुध हो गए। जवान बेटे की शहादत से हर कोई टूट गया है। इससे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर शहीद प्रवीण सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

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अपने पिता से प्रेरणा लेकर फौज में हुए भर्ती
बलिदानी प्रवीण वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और 15वीं बटालियन में तैनात देश सेवा में लगे थे। चचेरे भाई यशवंत गुसाईं ने बताया कि प्रवीण के पिता प्रताप सिंह भी सेना में रहे हैं। प्रवीण ने अपने पिता से प्रेरणा लेकर फौज में भर्ती होकर देश सेवा की ठानी थी। प्रवीण के बड़े भाई प्रदीप जर्मनी में नौकरी करते हैं। प्रवीण अभी पिछले महीने 15 मई को गांव आए थे और अपने ईष्‍ट महेंद्र देवता से आशीर्वाद लेकर कुछ समय पहले ही ड्यूटी पर चले गए थे। प्रवीण की पत्नी अमिता गुसाईं और छह वर्ष का बेटा वंश गुसाईं देहरादून में लक्ष्य एनक्लेव बंजारावाला में रहते हैं। प्रवीण की मां दीपा देवी और उसके पिता दोनों गांव में ही रहते हैं।

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प्रवीण सिंह की उपचार के दौरान हुई मौत
जानकारी के मुताबिक यह जवान आतंकियों की टोह लेने के लिए एक निजी वाहन में निकले थे। गांव सीडू से करीब एक किलोमीटर दूर हुए धमाके में वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार तीन जवान बुरी तरह जख्मी हो गए। विस्फोट में गंभीर तौर पर घायल जवान प्रवीण सिंह की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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शहीद की फोटो और तिरंगा लगाकर पहुंचे लोग
प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास ले जाया गया। गांव से नजदीक मूलगढ़ में बलिदानी की अंतिम यात्रा के लिए गांव के लोग अपने वाहनों पर शहीद की फोटो और तिरंगा लगाकर पहुंचे। गांव के पास बलिदानी को अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा है। हर आंख नम दिखाई दे रही है।

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गांव के विद्यालय और मार्ग होंगे शहीद के नाम पर
वहीं शुक्रवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उत्तराखंड के सपूत को श्रद्धाजंलि देते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार बलिदानी प्रवीण सिंह के परिवार के साथ खड़ी है। सरकार की ओर से बलिदानी के लिए जो अनुमन्य राशि निर्धारित की गई है। वह परिवार को जल्द पहुंचाई जाएगी। साथ ही बलिदानी के गांव में किसी विद्यालय या मार्ग का नाम बलिदानी प्रवीण सिंह के नाम पर रखा जाएगा।

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