सतर्क रहेंः उत्तराखंड में बारिश का ऑरेंज अलर्ट। चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही गंगा, 286 सड़कें बंद..
उत्तराखंड के सभी जिलों में आज भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने ज्यादातर इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। जबकि, मंगलवार के लिए भी पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य सभी जिलों में 18 जुलाई को बारिश का यलो अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। इस दौरान कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने व तीव्र बौछारें पड़ने की संभावना भी है। 19 जुलाई से प्रदेश में वर्षा का दौर कुछ कम होगा। इस दौरान यलो अलर्ट जारी किया गया है।
यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड का युवक चंडीगढ़ में 10 दिन से लापता, तलाश में भटक रही पत्नी। पुलिस नहीं कर रही सहयोग..
चेतावनी रेखा से ऊपर बह रही गंगा
पर्वतीय क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश और श्रीनगर डैम से पानी छोड़े जाने से गंगा और उसकी सहायक नदियां उफान पर आ गई हैं। ऋषिकेश में गंगा नदी घाटों से ऊपर बहने लगी है। रविवार को गंगा चेतावनी रेखा 339.50 से पांच सेमी ऊपर 339.55 मीटर बहने से लोगों में हड़कंप मचा रहा। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से स्थानीय प्रशासन ने तटीय इलाकों में मुनादी कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए है। रविवार को लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, त्रिवेणी घाट, श्यामपुर और रायवाला क्षेत्र में गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ गया। गंगा नदी घाटों से ऊपर बहने लगी। त्रिवेणी घाट पर गंगा नदी आरती स्थल से ऊपर बह रही थी। त्रिवेणी घाट पर तैनात जल पुलिस कर्मचारियों ने लाउडस्पीकर से एनाउंसमेंट कर लोगों को सुरक्षित स्थानों और पक्के घाटों पर ही स्नान करने की अपील की। गंगा घाट पर जगह-जगह जल पुलिस के कर्मचारी तैनात रहे। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक रविवार शाम 6 बजे गंगा चेतावनी रेखा 339.50 से पांच सेमी ऊपर 339.55 मीटर बहने लगी।
यह भी पढ़ेंः हरिद्वार में भीमगोड़ा बैराज का फाटक टूटा, गंगा चेतावनी रेखा के करीब। शहर में अलर्ट जारी..
कुमाऊं मंडल के मानसून जमकर बरसे
रविवार को प्रदेश के अधिकांश जनपदों में दोपहर बाद हल्की धूप खिलने और बादल छाये रहने से उमस और गर्मी ने बेहाल किया। देहरादून के कुछ क्षेत्रों में दोपहर को हल्की वर्षा हुई, लेकिन उसके बाद बादलों के बीच धूप से तेजी गर्मी और उमस ने परेशान किया। सुबह आठ बजे तक मसूरी में 55.4 व चकराता में 33.2 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। इस दौरान कुमाऊं मंडल के मानसून जमकर बरसे। बागेश्वर जनपद के लौहाघाट में 111.2, कपकोट में 71.2 और बागेश्वर में 36.4 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और उत्तरकाशी में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हुई इस दौरान बादल छाये रहे। देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 32.9 व न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
यह भी पढ़ेंः चांद पर गए कितने लोग जीवित हैं? चंदा मामा से जुड़ी ये 10 बातें जानते हैं आप?
प्रदेशभर में 286 सड़कें बंद
प्रदेश में बारिश के कारण ग्रामीण सड़कों पर सबसे अधिक मार पड़ रही है। बीते दिन बंद 306 ग्रामीण (सिविल और पीएमजीएसवाई) सड़कों में से मात्र 47 ही खुल पाईं। इस तरह से 259 सड़कें अब भी बंद हैं। जबकि 17 राज्य मार्गों सहित प्रदेश में कुल 286 सड़कों को खुलने का इंतजार है। बीते 24 घंटे में कुल 72 सड़कें बंद हुई हैं, जबकि 263 सड़कें एक दिन पहले से बंद थीं। कुल 335 बंद सड़कों में से रविवार को मात्र 49 सड़कों को खोला जा सका। रविवार शाम तक 286 सड़कें बंद थीं। लोनिवि विभाग ने बताया कि सड़कों को खोलने के लिए 245 जेसीबी, पोकलेन, चेन डोजर आदि मशीनों को लगाया गया है। बंद सड़कों में 17 स्टेट हाईवे, पांच मुख्य जिला मार्ग, पांच जिला मार्ग, 134 ग्रामीण सड़कें और 125 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं। मानसून सीजन में 15 जून से अब तक 2202 सड़कें बंद हो चुकी हैं, इनमें से 1916 सड़कों को खोला जा चुका है। इसके अलावा 25 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलों और सड़कों को पूर्वत स्थिति में लाने के लिए लोनिवि की ओर से 15928.31 लाख रुपये खर्च होने का आकलन किया गया है। उधर, खानपुर और लक्सर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत करीब 70 प्रतिशत सड़कें जलमग्न हैं, इन सड़कों की क्षति का आकलन अभी नहीं किया जा सका है। पानी उतरने के बाद भी सही स्थिति का पता चल पाएगा।
यह भी पढ़ेंः एलटी भर्तीः पूर्व में घोषित मैरिट में होगा बदलाव, कई चयनित युवा हो सकते हैं लिस्ट से बाहर..