उत्तराखंडः सरकार से 4 सालों में मिला तो सिर्फ आश्वासन, यह विभाग हैं सबसे सुस्त। पढ़ें..
उत्तराखंड सरकार द्वारा चार साल में विधानसभा में दिए गए आश्वासनों में अफसरों ने 50 फीसदी पर भी अमल नहीं किया है। विधानसभा की आश्वासन समिति ने पाया है कि पिछले पांच साल में दिए गए 140 विभिन्न आश्वासनों में महज 59 पर ही कार्यवाही की गई है। आश्वासन पर कार्यवाही करने में लोनिवि, सिंचाई, शिक्षा, पर्यटन विभाग सबसे सुस्त हैं। समिति के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सरकार द्वारा विधानसभा में समय समय पर दिए गए आश्वासानों को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा करेंगे। लंबित आश्वासनों पर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समिति के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी की अध्यक्षता में दो दिन तक चली बैठक में वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक के विभिन्न आश्वासनों की समीक्षा की गई। बैठक में पाया गया है कि आश्वासनों पर कार्रवाई की रफ्तार काफी धीमी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2002 से आज 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार लंबित आश्वासनों की संख्या और भी ज्यादा है।
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पढ़ें विभागवार स्थिति, यह विभाग हैं सबसे सुस्त
विभाग – आश्वासन – पूर्ण
लोनिवि – 09 – 02
वन – 12 – 08
सिंचाई – 24 – 08
पर्यटन – 12 – 06
शिक्षा – 29 – 11
उच्च शिक्षा – 02 – 01
स्वास्थ्य – 07 – 04
कृषि – 13 – 04
शहरी विकास – 07 – 02
ग्राम्य विकास – 05 – 02
गन्ना – 05 – 02
उद्योग – 04 – 02
समाज कल्याण – 10 – 05
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प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस करन माहरा ने कहा
सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगा ने कहा कि सरकार सदन के भीतर उठने वाले मुद्दों पर कार्यवाही का आश्वासन देती है। यह आश्वासन सरकार का वादा होता है और इस पर अमल होना जरूरी है। दो दिन की समीक्षा में मैंने पाया है कि कई आश्वासन लंबे समय से अधूरे हैं। अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वो जल्द से जल्द इन पर अमल शुरु करें। यह रिपोर्ट विस के पटल पर रखी जाएगी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस करन माहरा का कहना है कि विधानसभा में दिए गए आश्वासनों के प्रति धामी सरकार को गंभीरता बरतनी चाहिए। कई बार ऐसा हो चुका है कि सरकार सदन में कुछ बयान देती है या घोषणा करती है, लेकिन बाद में मुकर जाती है।
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