New Labour Codes Update: 23 राज्यों की हामी, बाकी का इंतजार। होगा फायदा या नुकसान?

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सरकार एक जुलाई से पूरे देश में नया लेबर कोड (New Labour Codes) लागू करने वाली थी। लेकिन कुछ राज्य सरकारों की वजह से मामला फंस गया है। 23 राज्य नए लेबर कोर्ड के कानून के प्री-पब्लिश्ड ड्राफ्ट को अपना चुके हैं। लेकिन बाकी के राज्यों ने इसे अभी तक नहीं अपनाया है। केंद्र सरकार चाहती है कि इस लेबर कोड को सभी राज्य एक साथ लागू करें। सरकार ने नौकरीपेशा लोगों के लिए चार बड़े बदलाव लाने के लिए ये कोड बनाए हैं।

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चार नए कोड
नए लेबर कोड का असर नौकरीपेशा लोगों की सप्ताहिक छुट्टियों (Weekly Holidays) से लेकर इन हैंड सैलरी (In Hand Salary) तक में दिखेगा। नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं।

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सप्ताह में 3 दिन छुट्टी
नए लेबर कोड में सप्ताह में चार दिन काम और तीन छुट्टी का प्रावधान किया गया है। लेकिन कर्मचारियों के दफ्तर में काम करने के घंटे बढ़ जाएंगे। मतलब ये कि आपको 8 या 9 घंटे नहीं, 12 घंटे ऑफिस में काम करना पड़ सकता है। पूरे सप्ताह भर में किसी भी कर्मचारी को 48 घंटे काम करने होंगे। लेकिन आपको सप्ताहिक छुट्टी तीन दिन की मिलेगी।

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छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव
नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया गया है। फिलहाल किसी भी संस्थान में लंबे समय तक की छुट्टी लेने के लिए कर्मचारी को साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी है। लेकिन नए लेबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन (6 महीना) कर दिया गया है।

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इन हैंड सैलरी में कटौती
नए वेज कोड के लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपको अकाउंट में कम आएगी। सरकार ने पे रोल को लेकर नए नियम बनाए हैं। नए वेज कोड में प्रावधान किया गया है कि किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary) उसकी टोटल सैलरी (CTC) का 50 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए। अब अगर आपकी बेसिक सैलरी बढ़ेगी, तो आपका पीएफ फंड में कंट्रीब्यूशन भी बढ़ जाएगा। ऐसे में पीएफ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा जमा होगा। इस तरह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मोटी रकम मिलेगी।

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48 घंटे में फुल एंड फाइनल
फुल एंड फाइनल सेटलमेंट (Full and Final) के बारे में भी नए वेज कोड में प्रावधान किया गया है। कंपनी से नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के दो दिन के अंदर कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान किया जाएगा। अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर ज्यादातर नियम लागू हैं। हालांकि, इनमें इस्तीफा शामिल नहीं है।

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