निजी विश्वविद्यालयों में भी लागू होगी नई शिक्षा नीति। सरकारी शिक्षकों को भी बड़ी राहत..

0
New education policy will be implemented in private universities too. Hillvani News

New education policy will be implemented in private universities too. Hillvani News

उत्तराखंड के निजी विश्वविद्यालयों में भी इस सत्र से नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। जिसके लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। नई शिक्षा नीति के तहत अब निजी विश्वविद्यालों को भी कैंपस में छात्र-छात्राओं को मनपसंद विषय चुनने की सुविधा देनी होगी। साथ ही लॉ एवं मैनेजमेंट कोर्स संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों को दूसरे विषयों के पाठ्यक्रम शुरू करने होंगे। राज्य के डिग्री कॉलेजों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति के तहत शासन स्तर पर व्यवस्थाएं शुरू की जा रही हैं। इसी तरह निजी विश्वविद्यालयों से नई शिक्षा नीति के तहत व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। इन विश्वविद्यालयों को भी राज्य विश्वविद्यालयों की तरह की सुविधाएं मुहैया करानी होंगी।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड: यहां सुबह सुबह गंगा में समाई कार, सर्च अभियान जारी..

छात्र-छात्राओं को पनपसंद विषय चुनने की सुविधा
नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों को छात्र-छात्राओं को पनपसंद विषय चुनने, मर्जी के मुताबिक ब्रेक लेकर पढ़ाई पूरी करने की सुविधा देने के साथ दूसरे विश्वविद्यालयों से संबद्ध पाठ्यक्रमों को संचालित करना होगा। राज्य में वर्तमान में 21 निजी विश्वविद्यालय, 3 डीम्ड यूनिवर्सिटी, एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और 12 राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं। मंगलवार को शासन स्तर पर उच्चशिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत की मौजूदगी में हुई बैठक में निजी विश्वविद्यालयों के संचालकों के साथ नई शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर व्यापक चर्चा की गई। संयुक्त निदेशक उच्चशिक्षा डॉ.एएस उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए शासन स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। शासन स्तर पर संचालकों के साथ हुई बैठक में जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः Horoscope Today 13 July: इन्हें आज मिलेगी बड़ी खुशखबरी, ये लोग बरतें विशेष सावधानी। जानें..

शिक्षकों को दी बड़ी राहत, अब बीएलओ ड्यूटी नहीं करेंगे अध्यापक
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को चुनावों की बीएलओ ड्यूटी और विभागीय आंकड़ों के रजिस्टर भरने की जिम्मेदारी से मुक्ति मिलने जा रही है। साथ ही दुर्गम क्षेत्र में ही सेवा देने के इच्छुक शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों से मुक्त रखा जाएगा। मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ननूरखेड़ा में बालवाटिकाओं के उद्घाटन के मौके पर शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह ने शिक्षकों को राहत देने वाली कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा, शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी नहीं दी जाएगी। प्रयास किया जा रहा है कि पूरे विभाग को एक साल में शत-प्रतिशत ऑनलाइन कर दिया जाए। इससे शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के रजिस्टर भरने से भी राहत मिलेगी। स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों के अन्य स्कूल में समायोजन का अधिकार जिलास्तर पर डीईओ और बीईओ को दिया जा रहा है। उधर, बोर्ड परीक्षा में दो विषय में फेल छात्र को दोबारा परीक्षा का मौका देने की व्यवस्था कर रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड में जल्द बनेगी फिल्म सिटी, फिल्म प्रशिक्षण केन्द्र भी खुलेगा।

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X