उत्तराखंड के किसानों के लिए खुशखबरी.. जारी हुई नई सेब नीति, मिलेगा ये खास लाभ..

0
Uttarakhand-apple-Hillvani-News

Uttarakhand-apple-Hillvani-News

सेब उत्पादन को लेकर उत्तराखंड अब जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से दो-दो हाथ करने की तैयारी में है। सेब उत्पादन में लंबी छलांग लगाने के लिए नई नीति जारी कर दी गई है। इसके तहत आठ साल में पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की अति सघन बागवानी की जाएगी। इस अवधि में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है। नीति में बागान स्थापना के लिए 60 प्रतिशत सब्सिडी का प्रविधान भी किया गया है। राज्य में सेब का क्षेत्रफल लगभग 26 हजार हेक्टेयर और उत्पादन 62 हजार मीट्रिक टन है। इसमें बढ़ोतरी के दृष्टिगत उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से राज्य सेक्टर में सेब नीति का मसौदा शासन को भेजा गया था।

यह भी पढ़ेंः आदि कैलाश यात्रा से प्रधानमंत्री मोदी ने दिया भक्ति और शक्ति का संदेश।

कैबिनेट की मुहर के बाद शासन ने नई सेब नीति जारी कर दी है। इसके क्रियान्वयन के लिए राज्य एवं जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति और राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, जिला स्तरीय तीन समितियां गठित की गई हैं। ये सभी राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही विपणन पर भी ध्यान केंद्रित करेंगी। नीति के अनुसार सेब की अति सघन बागवानी के लिए अब रूट स्टाक के लिए एम नौ व एमएम 111 और सीडलिंग के लिए मानक भी निर्धारित कर दिए गए हैं। इसमें एम नौ क्लोनल रूट स्टॉक आधारित सेब के अति सघन बागान स्थापना में 12,36,500 रुपये और एमएम 111 क्लोनल रूट स्टाक आधारित बागान के लिए 7,86000 रुपये की लागत आएगी। सीडलिंग आधारित बागानों पर 3,34000 रुपये का खर्च आएगा। बागान स्थापना को प्रोफेशनल ऑर्चर्ड डेवलपर की सुविधा भी दी जाएगी। बागवान स्वयं भी बागान किसी भी संस्था से स्थापित करा सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः Uttarakhand: राज्य में शुरू हुई बिजली की कटौती, 4.4 करोड़ यूनिट पर 3.6 करोड़ ही उपलब्ध..

बागवानों अथवा समूहों को सब्सिडी का भुगतान संयुक्त स्थलीय निरीक्षण दल की प्रथम, द्वितीय व तृतीय रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। निरीक्षण दल में मुख्य उद्यान अधिकारी, संबंधित बैंक प्रतिनिधि, बागान स्थापना करने वाली फर्म का प्रतिनिधि, बागवान, उद्यान सचल दल केंद्र के प्रभारी शामिल होंगे। उद्यान विभाग के अपर निदेशक डॉ.रतन कुमार के अनुसार सेब नीति के धरातल पर उतरने से राज्य में सेब के उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि होगी। सेब की अति सघन बागवानी में लगभग 25 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता होगी। साथ ही सेब उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी।

यह भी पढ़ेंः उत्तराखंड के मदरसों में कुरान संग योग और वेद की शिक्षा ग्रहण करेंगे विद्यार्थी..

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिलवाणी में आपका स्वागत है |

X