राष्ट्रीय खेलः फल फूल रही उत्तराखंड की हरित पहल

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उत्कृष्ट खेल, सार्थक पहल और बहुत से संदेश

राष्ट्रीय खेलों के लिए शुरू की गई हरित पहल खूब फल फूल रही है। इस क्रम में खाद्य सुरक्षा विभाग ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) को ढाई सौ लीटर तेल बायो फ्यूल बनाने के लिए भेजा है। यह तेल तीन बार इस्तेमाल किया जा चुका था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने विभिन्न स्थानों से इसे कब्जे में लेकर आईआईपी को भेजा है।

राष्ट्रीय खेलों की थीम पहली बार ग्रीन गेम्स की रखी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कई नई पहल राष्ट्रीय खेलों के दौरान की गई हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग भी सरकार की हरित पहल को सफल बनाने में योगदान कर रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त (मुख्यालय) जीसी कंडवाल के अनुसार-राष्ट्रीय खेलों के दौरान तीन सचल खाद्य विश्लेषण शाला के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच की गई। यह जांच उन जगहों पर की गई, जहां पर राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही थीं। खिलाड़ियों के लिए बनने वाले खाद्य पदार्थों के अलावा संबंधित शहरों के बाजारों में भी कई दुकानों को चेक किया गया।

कंडवाल के मुताबिक-खाद्य पदार्थोंं की चेकिंग के दौरान कई जगहों से ऐसा खाने का तेल बरामद किया गया, जो कि तीन बार इस्तेमाल हो चुका था। खाने का तेल तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल करने से उसके कुल पोलर कंपाउंड बढ़ जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खेलों में हरित पहल के तहत यह तय किया गया था कि ऐसा तेल आईआईपी को दिया जाएगा, ताकि उसका बायो फ्यूल या बायो डीजल बनाने में इस्तेमाल हो सके। इस क्रम में ढाई सौ लीटर इस्तेमाल किया गया तेल जब्त कर आईआईपी को भेज दिया गया है।

राष्ट्रीय खेलों के दौरान हरित पहल के अंतर्गत कई कदम उठाए गए। सभी विभागों, संगठनों और लोगों का इस पहल में सहयोग मिला है। आने वाले दिनों में भी यह क्रम जारी रखने की आवश्यकता है, ताकि दूरगामी सुखद परिणाम देखने को मिले।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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