UKSSSC Paper Leak :  उत्तरकाशी का मोरी क्षेत्र चर्चा में आया, 80 पास उम्मीदवार बने पहेली।

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Mori region of Uttarkashi came in discussion in UKSSSC Paper Leak case. Hillvani News

Mori region of Uttarkashi came in discussion in UKSSSC Paper Leak case. Hillvani News

स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के 80 उम्मीदवारों की कामयाबी पहेली बनी हुई है। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों के कामयाब होने में उसी क्षेत्र के एक नेता का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में भी इसी नेता का नाम उछला था। 854 पदों के लिए चार-पांच दिसंबर को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में करीब 80 कामयाब उम्मीदवार उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के हैं। आयोग ने जब इन उम्मीदवारों की पुरानी परीक्षाओं के अंकों का रिकॉर्ड खंगाला तो यह शक के घेरे में आए। दिलचस्प बात यह भी है कि इसी क्षेत्र का एक नेता पेपर लीक में खिलाड़ी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि अभी वह बैंकांक में है। हालांकि एसटीएफ उसके स्वदेश लौटने का इंतजार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक इस नेता को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।

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खुलेआम देता है सरकारी नौकरी का दावा
सूत्रों के मुताबिक, जिस उत्तरकाशी के नेता का नाम इस पेपर लीक में सामने आ रहा है, वह खुलेआम सरकारी नौकरी दिलाने का दावा करता है। इसकी ऐवज में वह खुलेआम पैसा भी लेता है। अब इस नेता की नकल माफियाओं से कितनी सांठगांठ है, यह आने वाला समय ही बताएगा।
प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य भी नकल कर हुए पास
वहीं बात सामने आ रही है कि यूकेएसएससी की स्नातक स्तर की परीक्षा में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। उत्तरकाशी के ये लोग गांव और क्षेत्र की राजनीति छोड़कर नकल कर अफसर बनने चले थे, लेकिन सूची फाइनल होने से पहले ही पेपर लीक का मामला सामने आ गया और इनका सपना धरा रह गया। पेपर लीक मामले की जांच में अब तक उत्तरकाशी का मोरी क्षेत्र सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस क्षेत्र के एक-दो नहीं बल्कि 80 से ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं। इनमें कुछ ग्राम प्रधान हैं तो कई क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य। बताया जाता है कि अधिकतर नकल कर ही इस परीक्षा में पास हुए हैं।

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मामला नहीं खुलता तो हर गली मोहल्ले में होते अफसर
एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार आरोपी कई अभ्यर्थियों को लेकर देहरादून आया था। यहां उसने लीक करने वालों से पेपर खरीदा और हल कर इन अभ्यर्थियों को बेचा था। सभी यहां होटलों में ठहरे थे। हालांकि एसटीएफ को इनके बारे में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। बस पकड़े गए आरोपियों ने इनके नाम लिए हैं। इस मामले में एसटीएफ की एक टीम गढ़वाल में है तो दूसरी हरिद्वार और तीसरी कुमाऊं क्षेत्र में साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। बता दें कि यूकेएसएससी की स्नातक स्तर की यह परीक्षा पिछले साल दिसंबर में हुई थी। इसमें पेपर लीक की शिकायतें तो पहले भी आ रही थीं, लेकिन जांच के बाद 22 जुलाई को मुकदमा दर्ज हुआ। जांच में पता चला कि नकल कर उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र के करीब 80 अभ्यर्थी पास हुए हैं। सभी की सूची भी फाइनल होने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही मामला खुल गया। अब माना जा रहा है कि परीक्षा रद्द हो सकती है। यदि मामला न खुलता तो इस क्षेत्र के हर गली में अफसर होते।

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