पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी से गिरेगा पारा, जानिए कैसा रहेगा उत्तराखंड का मौसम..
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आज बारिश हो सकती है जबकि मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार फिलहाल 21 जनवरी तक मौसम शुष्क रहेगा। प्रदेश में शुक्रवार को मौसम शुष्क रहा और चटख धूप खिलने से ठंड से राहत मिली। दिन के समय तेज धूप निकलने के कारण हल्की गर्मी का भी एहसास हुआ। दिन के समय अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक बढ़कर 24.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जबकि रात का न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस इजाफे के साथ 7.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्का हिमपात भी होने की संभावना है। बारिश और बर्फबारी होने से पर्वतीय क्षेत्रों के तापमान में गिरावट आने की संभावना है लेकिन मैदानी इलाकों में मौसम साफ रहेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाली बारिश का असर निचले इलाकों में देखने को नहीं मिलेगा। अगले 21 जनवरी तक प्रदेश पर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
157 साल के इतिहास में मौसम ने बनाए कई नए रिकॉर्ड
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार के स्थापना के 150 साल वर्ष पूरे हो चुके हैं। मौसम विज्ञान के इस लंबे इतिहास में बीते साल 2024 में दून में हर मौसम के कई नए रिकॉर्ड बने। अपने ठंडे और हसीन मौसम के लिए मशहूर दून घाटी साल 2024 में जमकर झुलसी। 31 मई 2024 के दिन दून का अधिकतम तापमान सात डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 43.2 दर्ज किया गया। दून में पारा कभी इतना ऊपर नहीं गया। मौसम विभाग एक जनवरी 1867 से देहरादून में तापमान की गणना कर रहा है, इसमें 43.2 डिग्री मई में अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया। जून के शुरूआत में भी गर्मी ने खूब सताया। इसके बाद बारिश ने भी इसी साल नया रिकॉर्ड बनाया। हालांकि बारिश का रिकॉर्ड में साल का इतना अंतर देखने को नहीं मिला। सर्दियों की बात करें तो साल 2014 में अब तक की सबसे अधिक बर्फबारी हुई। 2014 में प्रदेश भर के पर्वतीय इलाकों में 57.5 इंच बर्फबारी हुई, जो मौसम के 157 साल के इतिहास में सबसे अधिक है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम के बदले पैटर्न के चलते मौसम में बदलाव देखने को मिली। इसकी वजह से कई बार बहुत अधिक बारिश हुई तो कई बार गर्मी ने नया रिकॉर्ड भी बनाया।