RTI खुलासा: विधायक निधि खर्च करने में कई विधायक फिसड्डी साबित, जानें कौन?
उत्तराखंड: प्रदेश में एक ताज़े खुलासे से पता लगा है कि उत्तराखंड के विधायक अपनी विधायक निधि को खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए हैं। साथ ही खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधायक निधि खर्च करने में सबसे कंजूस साबित हुए हैं मुख्यमंत्री अपनी विधायक निधि में से मात्र 60% ही खर्च कर पाए हैं। अगर उत्तराखंड के विधायकों और साथ ही मुख्यमंत्री की विधायक निधि खर्च करने की रफ्तार इतनी धीमी रही तो कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, लेकिन विधायक निधि खर्च नहीं कर पाएंगे। ऐसे में खुद प्रदेश के मुखिया प्रदेश के विकास में पलीता लगा रहे हैं।
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प्राप्त सूचना से पता चला है कि 2017 से 2021 तक के विधायक कार्यकाल में 100% विधायक निधि से अभी तक केवल 77 प्रतिशत ही खर्च हुई है। बल्कि अभी 23 प्रतिशत शेष है। मंत्रियों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की रफ्तार विधायक निधि खर्च करने में केवल 60% तक ही पहुंची है और माननीय विधायक केदार घाटी के मनोज रावत तो अभी मात्र 50% पर ही अटके बैठे हैं और 60 फ़ीसदी के बीच विधायक निधि खर्च करने में धन सिंह रावत भी पीछे नहीं रहे। केवल विधायक निधि को 90% खर्च करने वाले अभी तक उत्तराखंड के एकमात्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य हैं।
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उत्तराखंड के वर्तमान विधायकों को 2017 से सितम्बर 2021 तक कुल 1256.50 करोड़ रूपये की विधायक निधि उपलब्ध हुई, जबकि उसमें से सितम्बर 2021 तक केवल 77 प्रतिशत यानि 963.40 करोड़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी। 23 प्रतिशत 293.10 करोड़ की विधायक निधि खर्च होनी अभी भी शेष है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह मामला प्रकाश में आया है। उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के 71 विधायक को 17.75 करोड़ रूपये प्रति विधायक की दर से 1256.50 करोड़ रूपये की विधायक निधि सितम्बर 2021 तक उपलब्ध करायी गयी। इसमें से अक्टूबर 2021 के प्रारम्भ में रुपए 293.10 करोड़ की विधायक निधि खर्च होने को शेष है।
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उत्तराखंड के 71 विधायकों में से 12 विधायकों की 70 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च हुई है, जबकि 1 विधायक की केवल 50 प्रतिशत विधायक निधि ही खर्च हुई है। जबकि 90 प्रतिशत विधायक निधि खर्च होने वाले विधायकों में केवल एक विधायक शामिल है। सबसे कम विधायक निधि 50 प्रतिशत खर्च वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत है। जबकि सर्वाधिक 90 प्रतिशत खर्च वाले नैनीताल विधायक संजीव आर्य है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार कितने % किसने खर्च किए..
50 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वालों में केदारनाथ विधायक मनोज रावत है।
60 प्रतिशत विधायक निधि खर्च वाले विधायक धनसिंह है।
61 से 65 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में महेश नेगी, सुरेन्द्र सिंह नेगी, सहदेव पुण्डीर शामिल है।
66 से 70 प्रतिशत वालों में प्रीतम सिंह, मगन लाल शाह, मदन सिंह कौशिक, मुन्ना सिंह चैहान, करन मेहरा, पुष्कर सिंह धामी, विनोद चमोली, महेन्द्र भट्ट शामिल है।
71 से 75 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में प्रेम चन्द्र, यशपाल आर्य, सुरेन्द्र सिंह जीना, राजकुमार ठुकराल, केदार सिंह रावत, खजान दास, हरवंश कपूर, गोविन्द सिंह कुंजवाल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सतपाल महाराज, राजकुमार, विजय सिंह पंवार, सुबोध उनियाल शामिल है।
76 से 80 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में राजेश शुक्ला, हरीश सिंह धामी, हरभजन सिंह चीमा, हरक सिंह, उमेश शर्मा, दीवान सिंह बिष्ट, पूरन सिंह फत्र्याल, भारत सिंह चैधरी, इन्द्रा ह्रदयेश, अरविन्द पाण्डे, आदेश सिंह चैहान (जसपुर), रेखा आर्य, देशराज कर्णवाल, बलवन्त सिंह, रितु खण्डूरी, सुरेश राठौर, चन्द्र पंत, ममता राकेश, शक्तिलाल शाह, रघुराम चैहान, कैलाश गहतोड़ी, चन्दन राम दास शामिल है।
81 से 85 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में दिलीप सिंह रावत, गणेश जोशी, यतीश्वरानन्द, बिशन सिंह चुफाल, प्रेम सिंह राणा, मुकेश कोली, जीआईजी मैनन, मीना गंगोला, काजी निजामुद्दीन, प्रीतम सिंह पंवार, संजय गुप्ता, विनोद कण्डारी, सौरभ बहुगुणा, प्रदीप बत्रा शामिल है।
86 से 90 प्रतिशत खर्च वाले विधायकों में कंवर सिंह चैम्पियन, राम सिंह केड़ा, फुरकान अहमद, आदेश चैहान (रानीपुर), बंशीधर भगत, धन सिंह नेगी, नवीन चन्द्र दुम्का, गोपाल सिंह रावत, तथा संजीव आर्य शामिल है।