गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर समस्याओं का अंबार, शासन-प्रशासन कर रहा खोखले दावे। तीर्थ यात्री परेशान..
ऊखीमठः शासन-प्रशासन केदारनाथ यात्रा व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए लाखों दावे तो कर रहा है, मगर गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर समस्याओं का अम्बार लगने से शासन-प्रशासन के दावों की पोल खुल गयी है। गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर समस्याओं का अम्बार लगने का खामियाजा स्थानीय व्यापारियों के साथ देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों को भुगतान पड़ रहा है। यदि भविष्य में गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल यात्रा के संचालन के लिए ठोस पहल नहीं की गयी तो केदार घाटी का तीर्थाटन – पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो सकता है। बता दे कि द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी भगवान के केदारनाथ के कपाट खुलने के लगभग 84 दिनों बाद भी गौरीकुण्ड-केदारनाथ तक पैदल मार्ग पर समस्याओं का अम्बार लगने से शासन-प्रशासन के दावे खोखले साबित हो गये है।
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गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गन्दगी के अम्बार लगने से तीर्थ यात्रियों को नाक पर रुमाल रखकर पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। पैदल मार्ग पर विगत दिनों विभिन्न संस्थाओं द्वारा चलाये गये स्वच्छता अभियान के कूड़े के ढेर जगह-जगह लगने से पर्यावरण को खासा नुकसान हो रहा है। पैदल मार्ग पर तैनात सफाई कर्मचारियों द्वारा पैदल मार्ग पर कचरा मन्दाकिनी नदी में फेकने से मन्दाकिनी नदी की पवित्रता को जीवित रखने की कोई पहल नहीं की जा रही है। पैदल मार्ग पर शुलभ इन्टरनेशनल द्वारा शौचालयों का निर्माण तो किया गया मगर शौचालयों के निकट रखी पानी की टैंकों में पानी का अभाव होने से शौचालयों में गन्दगी के अम्बार लगे हुए है।
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पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों संचालकों द्वारा नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है, जिससे पैदल चलने वाले तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाजीपुर बिहार से केदारनाथ यात्रा पर आये राहुल का कहना है कि अन्य तीर्थों के बजाय केदारनाथ यात्रा में अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ा है क्योंकि पैदल मार्ग की यात्रा व्यवस्था संचालन में भारी लापरवाही है। कुरूक्षेत्र हरियाणा निवासी दिनेश का कहना है कि पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए अलग पैदल मार्ग होना चाहिए। नोएडा निवासी आदित्य का कहना है कि प्रदेश सरकार को केदारनाथ यात्रा को वैष्णो देवी की तर्ज पर संचालित करने की पहल करनी चाहिए।
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